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________________ महाराजा उमेदसिंहजी वि० सं० १९८१ की पौष सुदि ७ (ई० स० ११२५ की १ जनवरी) से राज-कर्मचारियों के लिये 'प्रौवीडैन्ट फंड' की स्थापना की गई । इससे उनके रियासत की सेवा से अवसर ग्रहण करने पर गुजारे का बहुत कुछ सुभीता हो गया। ई० स० १९२५ की ६ जनवरी को 'ड्यूक ऑफ़ कनाट' के पुत्र 'हिज़ रॉयल हाइनैस' प्रिंस अर्थर ऑफ़ कनाट और उनकी पत्नी का जोधपुर में आगमन हुआ। इस पर महाराजा साहब की तरफ़ से भी उनके अनुरूप ही उनका आदर सत्कार किया गया। __ माघ सुदि ४ ( ई० स० १९२५ की २८ जनवरी ) को महाराजा साहब के छोटे भ्राता महाराज अजितसिंहजी की बरात ईसरदे' ( जयपुर राज्य ) के लिये रवाना हुई । उस समय स्वयं महाराजा साहब भी उसके साथ थे । वहां पर माघ सुदि ५ (२१ जनवरी ) को महाराज अजितसिंहजी का शुभ विवाह वहां के ठाकुर की कन्या से सकुशल संपन्न हुआ। चैत्र वदि १२ (२१ मार्च ) को महाराजा साहब ने सकुटुम्ब इंगलैंड की यात्रा की । राजपूताने के रईसों में पहले-पहल आपने ही इस प्रकार विलायत की यात्रा की पौष सुदि ७ (ई. स. १६२५ की १ जनवरी) को पौकरन-ठाकुर राप्रो बहादुर मंगलसिंह, पब्लिक वर्क्स मैम्बर जोधपुर-दरबार की उत्तम सेवाओं के उपलक्ष्य में सी. आइ० ई० और पंडित सूरजप्रकाश वातल, अध्यक्ष विद्या-विभाग, 'राय साहब' बनाए गए । फागुन वदि २ (१० फरवरी) को बून्दी-नरेश श्री रघुवीरसिंहजी जोधपुर आए और फागुन वदि ११ ( १६ फरवरी) को यह वापस लौट गए। (फागुन वदि ६ ( १४ फरवरी) को यहां पर महाराज अर्जुनसिंहजी की कन्या से आपका विवाह हुआ।) चैत्र वदि २ ( १८ फरवरी) को जोधपुर की 'पोलो टीम' ने दिल्ली में फिर प्रिंस ऑफ वेल्स कमेमोरेशन कप (Prince of Wales Commemoration Cup) जीता। (२८ फरवरी ) को मिस्टर डी० एल० ड्रेक ब्रोकमैन, रिवेन्यू मैम्बर ८ महीने की छुट्टी से लौट कर आया । १. स्वर्गवासी जयपुर-नरेश महाराजा माधोसिंहजी और वर्तमान जयपुर-नरेश महाराजा मान सिंहजी ईसरदे-ठिकाने से ही गोद आए थे। इस सबब से महाराज अजितसिंहजी की कुँवरानी साहबा वर्तमान जयपुर-नरेश की बड़ी बहन होती हैं। २. वहां से आप माघ सुदि ८ (१ फरवरी) को लौटे। ३. फागुन सुदि १४ (६ मार्च ) को महाराजा साहब ने बेड़ा ठाकुर पृथ्वीसिंह को हाथी सरोपाव, हाथ का कुरब और दुहेरी ताज़ीम आदि देकर सम्मानित किया । ४. आपका 'नरकुंडा' नामक जहाज़ वि० सं० १९८२ की चैत्र सुदि ४ (२८ मार्च) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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