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________________ महाराजा उमेदसिंहजी आपकी अध्यक्षता में, जो 'रीजैन्सी- काउन्सिल ' ( राज - प्रतिनिधि सभा ) बनाई गई, उसमें निम्नलिखित पदाधिकारी नियुक्त हुए: - (क) महाराजा सर प्रतापसिंहजी - प्रेसीडेन्ट और रीजेंट ( सभापति और अभिभावक ) । ( ख ) महाराज जालिमसिंहजी - सीनियर मैंबर । ( जुडीशल और पोलिटिकल - न्याय और राजनीतिक विभाग आपके अधिकार में रहे ) । (ग) राव बहादुर ठाकुर मंगलसिंह ( पौकरन ) - पब्लिक वर्क्स मैंबर । (घ) कर्नल हैमिल्टन - फ़ाइन्स मैम्बर ( अर्थ - सचिव ) | (ङ) रात्र बहादुर पण्डित सुखदेवप्रसाद काक, सी० आई० ई० - रिवेन्यू मैम्बर (य-सचिव ) । इस प्रकार रीजै-सी- काउन्सिल की स्थापना हो जाने से मुसाहिब ला दीवान बहादुर छज्जूराम वापस चला गया । इसके साथ ही खास-खास मामलों में राय देने के लिये एक 'ऐडवाइजरी कमेटी' ( परामर्शदातृ-सभा ) बनाई गई । इसके बाद महाराजा उमेदसिंहजी साहब, कर्नल वाडिंग्टन् (C. W. Waddington) की निगरानी में रहकर, शिक्षा प्राप्त करने के लिये अजमेर के मे कालिज में चले गए । १. इस सभा के निम्नलिखित सदस्य थेः— ( क ) ठाकुर चैनसिंह ( आसोप ) । (ख) ठाकुर विजैसिंह ( रीयां ) । ( ग ) ठाकुर नाथूसिंह ( रास ) । २. स्वर्गवासी महाराजा सुमेरसिंहजी का विचार आपकी शिक्षा का प्रबन्ध जोधपुर में ही करने का था । परन्तु उनके स्वर्गवास के बाद महाराजा प्रतापसिंहजी ने आपको अजमेर के कालिज में भेज दिया। साथ ही आपके छोटे भ्राता महाराज अजित सिंहजी भी उसी कालिज में शिक्षा प्राप्त करने लगे । वि. सं. १६७५ की पौष वदि १४ ( ई० स० १६१६ की १ जनवरी) को बाबा बिहारीसिंह (हैड क्लर्क - जोधपुर इम्पीरियल लांसर्स ) को राय साहब की उपाधि मिली । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ५३५ www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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