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________________ महाराजा सरदारसिंहजी की और आश्विन ( अक्टोबर ) में शहर की सड़कों पर रौशनी का प्रबन्ध किया गया। इस वर्ष के मँगसिर (दिसम्बर) में काबुल का 'हिज हाइनेस' सरदार इनायत उल्लाखाँ भारत भ्रमण के लिये आया । इस पर कर्नल जैनिंग्स उसके साथ नियुक्त किया गया और यहां का राज्य-कार्य मिस्टर लॉयल (R. A. Lyall ) की निगरानी में होने लगा। फाल्गुन (ई० स० १६०५ के मार्च) में जोधपुर के आसपास प्लेग की बीमारी के फैलने का संदेह होने से, उसके प्रसार को रोकने के लिये, तत्काल शहर से बाहर 'कोरंटाइन' का प्रबन्ध किया गया । ___ इसी वर्ष पौकरन-ठाकुर मंगलसिंह 'रामो बहादुर' बनाया गया और पादरी डॉक्टर समरवाइल को चांदी का 'कैसरेहिन्द' पदक मिला। वि० सं० १९६२ की कार्तिक सुदि १२ (= नवम्बर ) को महाराजा सरदारसिंहजी पचमरी से आबू और नसीराबाद होते हुए ( सवा दो वर्ष बाद ) जोधपुर आए । इस पर नगर में बड़ा उत्सव मनाया गया । इसके बाद मँगसिर (दिसम्बर) के १. इसके लिये ६,००० की मंजूरी हुई । उस समय 'स्टेट-इंजीनियर' का काम बाबू बटूलाल करता था। २. उस समय ७० लालटेनों के लिये, की लालटेन ॥) माहवार के हिसाब से ६३० रुपये में सालभर का ठेका दिया गया था। ३. वि० सं० १९६२ की ज्येष्ठ सुदि १० (ई० स० १६०५ की १२ जून) को माजी जाडेजीजी के (स्टेशन के सामने ) बनवाए राजरणछोड़जी के मन्दिर की प्रतिष्ठा की गई और उसके खर्च आदि के प्रबन्ध के लिये उन्होंने, अपनी पुरानी धर्मार्थ बनवाई सराय के सामने, नवीन सराय बनवाना प्रारम्भ किया। इसके मकानात किराए पर दिए जाने के लिये तैयार करवाए जाने लगे । वि० सं० १९६२ (ई० स० १६०५) में 'नॉर्थ-वैस्टर्न-रेल्वे' और 'जे. बी. रेल्वे' के बीच हैदराबाद जंक्शन (सिंध) आदि के बाबत एक संधि हुई । इसी वर्ष के श्रावण (अगस्त) में जोधपुर दरबार ने रिवाड़ी-फुलेरा-रेल्वे लाइन के काम में आनेवाली अपनी भूमि का सारा अधिकार ब्रिटिश-गवर्नमेंट को देदिया । ए कलैक्शन ऑफ ट्रीटीज़ ऐंगेजमैंट्स ऐण्ड सनद्स ( १६०६), भा० ३, पृ० २०४ । ४. आप वि० सं० १६६२ की जेष्ठ वदि २ (ई० स० १६०५ की २० मई) को पचमरी से प्राबू लौटे थे । इसके बाद शीघ्र ही आप बंबई जाकर जाते हुए लार्ड कर्जन से और पाते हुए लॉर्ड मिंटो से मिले । ५०७ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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