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________________ जोधपुर-राज्य के पब्लिक वर्क्स मंत्री का वक्तव्य मारवाड़ के इतिहास के इस दूसरे भाग को प्रकाशित करने के साथ ही इसके लेखक पण्डित विश्वेश्वरनाथ रेउ अपने तेरह वर्षों के अथक परिश्रम को पूरा कर रहे हैं । वे अपनी सफलता के लिये बधाई के पात्र हैं—यह बधाई केवल इसीलिये नहीं है कि उन्होंने बड़ी विद्वत्ता के साथ राठोड़ों के इतिहास से सम्बन्ध रखनेवाले ऐतिहासिक तथ्यों को सिद्ध करने में परिश्रम उठाया है, किन्तु भारतीय और बाहर के अनुसन्धान करनेवाले विद्वानों और उनकी सभाओं ने उनके कार्य की जो समानरूप से प्रशंसा की है उसके लिये है। इन दीर्घकालीन ऐतिहासिक घटनाओं को इतने भिन्न-भिन्न स्थानों से लेकर क्रमबद्ध करना कोई साधारण सफलता का कार्य नहीं है । परन्तु पण्डित विश्वेश्वरनाथ इससे भी आगे बढ़ गए हैं और उन्होंने जहां-जहां से ये घटनाएं ली हैं, उन स्थानों के उल्लेख करने का भी प्रयत्न किया है। आम तौर पर ऐतिहासिक इस बात का अनुभव करते हैं कि यह कार्य अन्धकार में छिपे समय पर प्रकाश डालने का सफल उद्योग है और यह बात उनकी दी हुई सम्मतियों से सिद्ध है । वे लोग उपस्थित की हुई ऐतिहासिक बातों को और उनके लिये दिए गए प्रमाणों को भी स्वीकार करते हैं, यह भी पहले के समान ही प्रकट है । पण्डित विश्वेश्वरनाथ ने इस कार्य को, जो उनके हाथ में लेने के पहले ३६ वष से यों ही पड़ा था, पूरा कर साधारणतया इतिहास को और खासकर मारवाड़ को बड़ा आभारी किया है। एस. जी. एडगर, आइ. एस. ई., पब्लिक वर्क्स मिनिस्टर, गवर्नमैन्ट ऑफ जोधपुर. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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