SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 68
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ राव सीहाजी का स्वर्गवास हुआ था और उसी दिन इनकी सोलंकी वंश की पार्वती नामक रानी इनके साथ सती हुई थी। परन्तु इस लेख के विषय में निश्चित रूप से कुछ कहना कठिन है; क्योंकि इसके लाने वाले के बताए स्थान पर इतिहास कार्यालय के भूतपूर्व अध्यक्ष ने स्वयं जाकर पूछ-ताछ की थी। फिर भी इसके वहाँ से लाए जाने का कुछ पता नहीं चला। पाली की रोदाबाव नामक पुरानी बावली के पास एक चबूतरा बना है । कुछ लोग उसे सीहाजी का चबूतरा बतलाते हैं । सम्भव है, इनके वंशजों ने इनके निवास स्थान पर पीछे से, यादगार की तौर पर, यह चबूतरा बनवाया हो। ___ इनके तीन पुत्र थे--आसथान, सोनग और अज। १. मारवाड़ की ख्यातों में सीहाजी की सोलंकी वंशकी रानी का नाम राजलदे लिखा है और उसे सोलंकी मूलराज की पुत्री माना है । यदि वास्तव में यह ठीक हो तो यह कोई तीसरा ही मूलराज होगा; क्योंकि पहले लिखे अनुसार प्रथम और द्वितीय मूलराज की पुत्री का विवाह तो सीहाजी से होना असम्भव सिद्ध होचुका है। २. यह चबूतरा इस समय टूटी फूटी दशा में है । कुछ ख्यातों में इसको आसथानजी का चबूतरा भी लिखा है। ३. इनके एक भीम नामक चौथे पुत्रका उल्लेख भी मिलता है। परन्तु उसका हाल न मिलने से अनुमान होता है कि वह बालकपन में ही मरगया होगा। - - - Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034553
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1938
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size369 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy