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________________ मारवाड़ का इतिहास सेतराम और सीहाजी खोर (शम्साबाद ) की तरफ़ चले गए और कुछ दिन बाद मोधा की तरफ़ होते हुए महुई' में जा रहे । परन्तु जब उक्त प्रदेश में मी मुसलमानों का उपद्रव प्रारम्भ हो गया, तब इन्हें और सेतराम को मारवाड़ की तरफ आना पड़ा । सम्भव है, विदेश में आ जाने पर सेतराम ने अपने छोटे भाई सीहाजी को ही अपना दत्तक पुत्र मान लिया हो । १. महुई गाँव फर्रुखाबाद जिले में है । वहाँ पर काली नदी के किनारे बने सीहाजी के निवासस्थान के खण्डहर अब तक विद्यमान हैं और लोग उन्हें 'सीहा राव का खेड़ा' के नाम से पुकारते हैं । २. शम्सुद्दीन अल्तमश पहले बदायूं का शासक था । (क्रॉनॉलॉजी ऑफ़ इण्डिया, पृ० १७६ ।) परन्तु वि० सं० १२६८ (ई० स० १२११) में वह दिल्ली के तख्त पर बैठा, और उसके बाद उसकी सेना ने खोर विजय किया । खोर (शम्साबाद) की तरफ के लोग इस घटना का समय वि० सं० १२७१ की चैत्र (सुदि) ३ रविवार अनुमान करते हैं । परन्तु श्रीयुत आर० डी० बैनर्जी शम्सुद्दीन के कन्नौज-विजय करने का समय वि० सं० १२८३ (ई० सं० १२२६ ) मानते हैं । ( जर्नल बङ्गाल एशियाटिक सोसाइटी, भा० १२ नं. ११, पृ० ७६६) मारवाड़ की ख्यातों में सीहाजी का वि० सं० १२१२ में मारवाड़ में आना लिखा है । परन्तु जब कन्नौज-नरेश जयचन्द्र स्वयं ही वि० सं० १२५० में मारा गया था, तब उसकी सन्तान का इस घटना से ३८ वर्ष पूर्व मारवाड़ में आना कैसे सम्भव हो सकता है ? कर्नल टॉड ने अपने 'ऐनल्स ऐण्ड ऐण्टिविटीज़ ऑफ़ राजस्थान' नामक इतिहास ( भा० २, पृ० ६४० ) में सीहाजी के, कन्नौज छोड़ कर, मारवाड़ में आने का समय वि० सं० १२६८ (ई० स० १२१२) लिखा है । जनरल कनिङ्गहम इस घटना का वि० सं० १२८३ ( ई० स० १२२६) में होना मानते हैं । ( कनिङ्गहम की आर्कियोलॉजिकल सर्वे रिपोर्ट, भा० ११, पृ० १२३) विक्रम की १७ वीं शताब्दी के लेखक मुहणोत नैणसी ने अपने इतिहास में एक स्थल पर सीहाजी का विवाह सोलंकी जयसिंह की कन्या से होना लिखा है । यदि उसका लिखना ठीक हो, तो यह जयसिंह ( जयन्तसिंह ) द्वितीय की कन्या ही होगी । इस जयसिंह द्वितीय का, वि० सं० १२८० की पौष सुदि ३ (२६ दिसम्बर १२२३) का, एक ताम्रपत्र काडी से मिला है । (इण्डियन ऐण्टिक्वेरी, भा० ६, पृ० १६६) इसने इसी समय के करीब गुजरात नरेश सोलंकी भीमदेव द्वितीय के राज्य पर कुछ समय के लिये अधिकार कर लिया था। ३२ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034553
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1938
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size369 MB
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