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________________ २७. महाराजा अभयसिंहजी यह महाराजा अजितसिंहजी के ज्येष्ठे पुत्र थे । इनका जन्म वि० सं० १७५६ की मँगसिर बदी १४ (ई० सन् १७०२ की ७ नवंबर ) को जालोर में हुआ था। जिस समय इनके पिता का स्वर्गवास हुआ, उस समय यह दिल्ली में थे । इसलिये पिता की औदैहिक क्रिया से निपटने पर वि० सं० १७८१ की सावन सुदी ८ ( ई० सन् १७२४ की १७ जुलाई) को वहीं पर इनका राज्याभिषेक हुआ । उस अवसर पर बादशाह भी इनके स्थान पर आया और उसने नागोर प्रांत और खिलअत आदि देकर इनका सत्कार किया। १. परन्तु वि० सं० १७६० की जालोर की सनद के अनुसार यदि उद्योतसिंहजी को, जिनकी मृत्यु बचपन में ही हो गई थी, अजितसिंहजी का ज्येष्ठ पुत्र माना जाय तो अभयसिंहजी उनके द्वितीय राजकुमार होंगे। २. पहले लिखे अनुसार इन्होंने पिता की आज्ञा से, वि० सं० १७७८ के कार्तिक (ई० सन् १७२१ के अक्टोबर) में, मुज़फ्फरअलीखाँ के विरुद्ध चढ़ाई की थी। इसके बाद जब उसके हतोत्साह हो जाने पर बादशाह ने नुसरतयारखाँ को अजमेर पर अधिकार करने के लिय नियत किया, तब इन्होंने, उसके वहाँ पहुँचने के पूर्व ही, १२,००० शुतर-सवारों के साथ जाकर नारनौल को लूट लिया । यह देख वहाँ के फौजदार के आदमी मैदान छोड़ कर भाग गए। इसके बाद इन्होंने अलवर, तिजारा और शाहजहाँपुर को लूटकर दिल्ली से ८ कोस दक्षिण में स्थित सराय अलीवर्दीखाँ तक चढ़ाई की (देखो लेटर मुगल्स, भा॰ २, पृ० १०६-११. )। इन्होंने मुसलमानों से साँभर आदि भी छीने थे। ३. अभयोदय, सर्ग २, श्लो० ४ । ४. ख्यातों में लिखा है कि उस अवसर पर बादशाह ने इन्हें, बे १४ परगने, जो वि० सं० १७८० में इनके पिता के समय ज़ब्त करलिए गए थे, वापस देदिए । ३३१ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034553
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1938
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size369 MB
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