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________________ * अवशेष * [ १५७ में सर्वोच्चपद पर पहुँचेंगे, आत्म निस्तरण के साथ संसार का कल्याण करेंगे. महानुभावो ! आप भी ऐसी दृढतया उपासना करिये कि वह उच्चतम पढ़ समीप आवे और आत्मा पूर्णानन्दी बने. C ( शासनकाल ) #! भगवन्त महावीर देव का शासन २१ हजार ३ वर्ष ८ महिने और १५ दिन तक बराबर चलता रहेगा ; यानी पंचम आरक के अन्त तक प्रचलित रहेगा; इस टाइम में जैन धर्म का तेवीस वार उदय और तेवीस वार अस्त होगा; अर्थात् शासन की उन्नति - अवनति होगी - सामान्य लोगों का यह खयाल गलत है कि सदा हानि होती रहेगी, चाहे घोर कलयुग भी हो जैसे सूर्यका उदयास्त दोनों ही होता रहेगा वैसे ही उक्तकाल तक धर्म रहेगा; अतः जनता को सम्यग् मार्ग में अपना प्रयत्न बराबर करते रहना चाहिए, जिससे शासन सेवा का अपूर्व लाभ प्राप्त होसके और अपना आत्मकल्याण का कार्य भी सिद्ध होजाय. SPIT 2235 ० 0468 Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034546
Book TitleMahavir Jivan Prabha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagar
PublisherAnandsagar Gyanbhandar
Publication Year1943
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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