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________________ सं० गोत्रों के नाम ३४ कहा ३५ कसाण ३६ कठ ३७ कठाल ३८ कनक ३९ कक्कड़ ४० कवाड़िया ४१ काकलिया ४२ काकरेचा ४३ व ४४ काग ४५ काँकरिया ४६ का सतवाल ४७ काजल ४८ काटेeast ४९ कावेड़िया ५० कांधाल ५१ कापड़ ५२ काँचिया ५३ कानरेला ५४ काला ५५ काउ ५६ का विया ५७ किराड़ ५८ कुम्भज ५९ कुंकुंरोल ६० कुंकुम ६१ कुणन ६२ कुंड ६३ कुम्भट ६४ कुचोर्या ६५ कुबुद्धि ६६ कुलवन्त पञ्चम अध्याय । सं० गोत्रों के नाम ६७ कुक्कुड़ ६८ कुलहट ६९ कूकड़ा ७० कूमढ ७१ कूहड़ ७२ के ७३ केराणी ७४ केलवाल ७५ कोचर ७६ कोठारी ७७ कोठेचा ७८ कोड़ा ७९ कोल्या ८० कोलर ८१ कंठीर ८८ खाव्या ८९ खिलची ९० खीचिया ९१ खीची ९२ खीमसरा ९३ खुड़धा ९४ खेचा सं० गोत्रों के नाम ९९ खेमानंदी १०० खैरवाल १०१ खुतड़ा ९५ खेड़िया ९६ खेत्तरपाल ९७ खेतसी ९८ खेमास रिया ग १०२ गणधर १०३ गटागट १०४ गट्टा १०५ गढवाणी १०६ गलुंडक १०७ गदैया १०८ गंधिया १०९ गहलड़ा ११० गहलोत ख ८२ खगाणी ११४ गाय ८३ खड़भणशाली ११५ गावडिया ८४ खटवड़ ११६ गिडिया ८५ खड़ ८६ खटोड़ा ८७ खारीवाल १११ गांग ११२ गाँधी ११३ गाँची ११७ गिजा ११८ गिरमेर ११९ गुणइंडिया १२० गुवाल १२१ गुलगुलिया १२२ गूगलिया १२३ गूंदेचा १२४ गूजडिया १२५ गेमावत १२६ गेरा १२७ गोवरिया १२८ गोढा १२९ गोठी १३० गोसल Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ६४१ सं० गोत्रों के नाम १३१ गोलेच्छा १३२ गोहीलाण १३३ गोखरू १३४ गोध १३५ गोलेचा घ १३६ घाँघरोल १३७, घिया १३८ घोखा १३९ घंघवाल च १४० चतुर १४१ चवा १४२ चम १४३ चामड़ १४४ चाल १४५ चितोड़ा १४६ चित्रवाल १४७ ची चट १४८ चीचड़ १४९ चीपट १५० चीपड़ १५१ चुंखड़ १५२ चोधरी १५३ चोल १५४ चोपड़ा १५५ चोरड़िया १५६ चौहाण १५७ चंचल १५८ चंडालिया छ १५९ छछोहा १६० छजलाणी www.umaragyanbhandar.com
SR No.034525
Book TitleJain Sampraday Shiksha Athva Gruhasthashram Sheelsaubhagya Bhushanmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreepalchandra Yati
PublisherPandurang Jawaji
Publication Year1931
Total Pages754
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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