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जैनसम्प्रदायशिक्षा।
से बहुत हाजमा होता है, भोजन के पीछे एक घण्टे के बाद इसे पानी में मिलाकर पीने से पाचनशक्ति दुरुस्त होती है।
गुलकन्द-गुलाब या सेवती के फूलों की पंखड़ियों की मिश्री बुरका कर तह पर तह देते जाना चाहिये, तथा उसे ढंक कर रख देना चाहिये, जब फूल गल कर एक रस हो जावे तब कुछ दिनों के बाद वह गुलकन्द तैयार हो जाता है, यह बड़ी तरावट रखता है, उष्णकाल में प्रातःकाल इसे घोट कर पीने से अत्यन्त तरावट रहती है तथा अधिक प्यास नही लगती है।
कुछ औषधों के अंग्रेजी तथा हिन्दी नाम । संख्या। अंग्रेज़ी नाम । हिन्दी नाम। संख्या। अंग्रेजी नाम । हिन्दी नाम ।
इनफ्यूज़न । चाच । ११ पलास्टर। लेप । एकवा । पानी। १२ पोल्टिस। लूपड़ी। एक्स्ट्राक्ट। सत्व, घन। १३ फोमेनटेशन। सेक । एनिमा। पिचकारी, वस्ति । १४ बाथ। बाफ, स्नान । ओल्यम। तेल (खानेका)। १५ विल्स्टर। फफोला उठाना । अंग्वेन्टम। मल्हम । १६ मिक्सचर । मिलावट । कन्फेक्सन। मुरब्बा, अचार। १७ लाइकर। प्रवाही । टिंक्चर । अर्क। १८ लिनिमेंट । तेल (लगाने का)। डिकोक्सन। काढ़ा, उकाली। १९ लोशन। पोता धोनेकी दवा । पल्वीस। चूर्ण । २० वाइन। आसव ।
देशी तौल (बजन)। १ रत्ती चिरमीभर। ८ बाल-१ चौअन्नीभर। ३ रत्ती-१ बाल । १६ बाल-3 अठन्नीभर । ३ बाल=१ मासा । ३२ बाल=१ रुपयेभर । ६ मासा=१ टंकै।
४० रुपयेभर-॥ सेर, पाऊँड, रतल। २ टंक-१ तोला।
८० रुपयेभर-१ सेर। ४ बाल-अन्दाजन १ दुअन्नीभर ।
अंग्रेजी तौल और माप । सूखी दवाइयों की तौल। पतली दवाइयों की माप ।
१ ग्रेन =१ गेहूँभर। ६० बूंद-मीनीम%१ ड्राम । २० ग्रेन =१ स्क्रुपल। ८ ड्राम-१ औंस । ३ स्क्रुपल-१ ड्राम।
२० औंस-१ पीन्ट ।
१-गुलकन्द में प्रायः वे ही गुण समझने चाहिये जो कि गुलाब वा सेवती के फुलों में तथा मिश्री में हैं ।। २-यह-शीतल, हृदय को हितकारी, ग्राही, शुक्रजनक (वीर्य को उत्पन्न करनेवाला), हलका, त्रिदोषनाशक, रुधिरविकार को दूर करनेवाला, रंग को उज्ज्वल करनेवाला तथा पाचन है ॥ ३-परन्तु कहीं २ टंक चार ही मासे का माना जाता है ।।
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