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________________ चौलुक्य चंद्रिका पेशवा वंशावली. १ बालाजी विश्वनाथ-राधाबाइ २ बाजीराव बालाजी भीऊबाई चिमनाजी अनुबाई ३ बालाजी बाजीराव रामचन्द्र ६ रघुनाथ जनार्दन सदाशिव बायाबाई विश्वास ४ माधव यशवंत ५ नारायण चिमनाजी बाजीराव ७ सवाई माधवराव G चिमनाजी ९ बाजीराव रघुनाथ जिस प्रकार बंदीसे मुक्त होनेके पश्चात बालाजीसे शाहुको अभूतपूर्व सहायता मिली थी। उसी प्रकार खण्डेराव दभाडेसे मिली थी। दभाड़े परिवार शाहुके पिता और पितामहके समयसे ही महाराष्ट्र सैनिकोंमें प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका था। यहां तक कि संभाजीके मारे जाने और शाहुकी बंदी अवस्थामें राजारामने खण्डेरावको तलेगांवकी जागीर और सेना खासखेलकी उपाधि प्रदान की थी। इतना होते हुएमी खण्डेराव दभाडेने शाहुको न्यायसंगत महाराष्ट्र सिंहासनका अधिकारी मान अन्यान्य सरदारोंके विरोध करने परभी उसका साथ दिया। अतः शाहुने उसे अपना प्रधान सेनापति बनाया। खण्डेराव दभाड़े जब शाहु का प्रधान सेनापति बना, तो उस समय उसके पास नाम मात्रका राज्य था। दभाड़ेने औरंगजेबकी मृत्युसे उत्पन्न विशृंखला का उपयुक्त लाभ उठानेके विचारसे बालाजी विश्वनाथको गृहकलहके निवारणार्थ छोड़ एक बहुत बड़ी सेना लेकर विक्रम संवत १७६४ में खानदेशके मार्गसे पिम्पलनेर आदिको अधिकृत करता हुआ नवा पुराको केन्द्र बनाया । वहांसे आगे लाटमें प्रवेश किया, और नवसारी पर्यन्त लूटपाट मचाया । खण्डेराव दभाडेकोभी छत्रपति महाराज शिवाजीके समानही लूटपाट करते समय वांसदाफे Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034491
Book TitleChaulukya Chandrika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyanandswami Shreevastavya
PublisherVidyanandswami Shreevastavya
Publication Year1937
Total Pages296
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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