SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 32
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लुक्य चंद्रिका ] कि उसने मालवा और लाटको विजय किया था। एवं उसके शासन पत्र (इ. ए. ११११२ मे प्रकाशित ) से प्रकट होता है कि दन्तिदुर्गके अधिकारमें मही नदी पर्यन्त भूभाग था। और उसकी माताने खेटकपुरके मातर परगणाके प्रत्येक गांवकी कुछ भूमि दान दी थी। इससे स्पष्ट है कि दन्तिदुर्गने सम्भवतः अरब युद्धके पश्चात पुलकेशीके हाथसे लाटका दक्षिण भाग और भरूचके गुर्जरोंसे लाटका उत्तर भाग प्राप्त किया था। दन्तिवर्माकी यह विजय सम्भव हो सकती है । क्यों कि अरब युद्ध और इसके शासन पत्रकी तिथिमें ११ बर्षका अन्तर है। लाटके साथ राष्ट्रकूटोंका प्रत्यक्ष सम्बन्धका परिज्ञापक सूरत जिलाके आन्तरोली चारोली से प्राप्त कर्क द्वितीयका शक ६६६ वाला शासन पत्र है । प्रस्तुत शासन पत्रमें शासन कर्ताकी वंशावली निा प्रकारसे दी गई है। ध्रुव गोविन्दराज पुनश्च इस शासन फासे प्रकट होता है कि शासन काकी माता नागबमाकी पुत्री थी । और इसका विरुद्ध "समधिगत पंच महा शब्द प्राप्त परं भट्टारक महाराज". था। अतः अब विचारना है कि सामन्त और स्वतन्त्र नरेशोके समान विरुद धारण करनेवाला यह सटकूट वशी कर्क कौन है ! और इसको ताप्ति और नर्मदाके मध्यवर्ती भूभाग-जो लाट नवसारिकाके चौलुक्योके राज्य मे था और जिसे मान्यखेटका राष्ट्रकूट दन्तिवर्मा अधिकृत करने । दावा करता है-का अधिकार क्यों कर मिला। प्रस्तुत शासन पत्रकी तिथि अश्वयुज शुक्ल सप्तमो शक ६६९ है। शक ६६६ की समकालीनता विक्रम ८०४ से प्राप्त होती है । नवसारीके चौलुक्यराज पुलकेशीका शासन पत्र अज्ञात संवत (त्रयकुटक) ४६० तदनुसार विक्रम ७९६ से स्पष्टतया प्रकट है कि उस समय नवसारिका के. चौलुक्यवंशका शौर्यसूर्य पूर्णरूपेण प्रकाशित हो रहा था । प्रस्तुत शासन पत्र और उसके मध्यमें केवल आठ वर्षका अन्तर है। संभवहै कि अरब युद्ध पश्चात् पुलो शीकी शक्ति नष्ट हो गई हो, और कने उसकी निर्बलतासे लाभ उठा Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034491
Book TitleChaulukya Chandrika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyanandswami Shreevastavya
PublisherVidyanandswami Shreevastavya
Publication Year1937
Total Pages296
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy