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________________ 40 अणुव्रत सदाचार और शाकाहार 20 सदगृहस्थ भी छोटे छोटे संकल्पों के पालन से कर सकते है 'उत्तम संयम धर्म की साधना उत्तम संयम धर्म की साधना के दिन गुजरात विधान सभा के सदस्यों ने लिया आचार्य सुनील सागरजी से मंगल आशीर्वाद गांधीनगर, सेक्टर 21, दिगंबर जैन मंदिर में आचार्यश्री सुनील सागरजी विराजमान है। चातुर्मास में मंगलमयी वाणी से जन जन के लिए अमृत वर्षा कर रहे हैं। पर्युषण के दौरान हर रोज दश धर्मों का एक एक लक्षण आध्यात्मिक विकास एवं सामाजिक सरोकारों को उन्नत बनाने हेतु समझाते समाज को साधना के उन्नत शिखर पर ले जा रहे हैं। ऐसे परम उपकारी गुरुदेव से जैन ही नहीं जैनोत्तर समाज एवं उनके अग्रणी प्रभावित और लाभान्वित हो रहे हैं। हर रोज कोई न कोई नामचीन व्यक्ति गुरुदेव के आशीष व दर्शन हेतु पधारते हैं। आज गुरुदेव ने संघ सहित विधायक निवास प्रांगण सेक्टर-21 में स्वाध्याय भी किया। आज गुरुदेव का आशीर्वाद लेने के लिए गुजरात विधानसभा सदस्य श्री गोविंदभाई, विरोध पक्ष के नेता परेश धानाणी, संगीता पाटील सूरत, सीमाबेन मोही वडोदरा, डॉ. आशाबेन पटेल उंझा, योगेशपटेल वडोदरा, गेगीबेन ठाकोर वाव, देवाभाई मालम केशोद, आनंदभाई चौधरी उपदण्डक, प्रद्युम्नसिंह जाडेजा अबडासा, मोहनसिंह राठवा छोटा उदेपुर, विरेन्द्रसिंह जाडेजा मांडवी, हिम्मतसिंह पटेल बापूनगर, भीखाभाई जोषी जूनागढ़, बाबूभाई वाजा मांगरोळ, हर्षदभाई राबडिया प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा तथा विधानसभा सदस्य विसावदर, पुनाभाई गामित सोनगढ़ व्यारा, मालतीबेन महेश्वरी गांधीधाम, दिनेशभाई वसावा डेडियापाडा, ललितभाई वसोया धोराजी, जवाहरभाई जूनागढ़ तथा महेशभाई छोटूभाई वसावा भरूच आदि सभी ने गुरुदेव आचार्यश्री सुनीलसागरजी महाराज का मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया और धर्म भावना से प्रेरित होकर अपने कार्यक्षेत्र में संयम व विवेक अपनाने का संकल्प व्यक्त किया। ऐसा नहीं है कि केवल मुनिराज ही संयम धारण कर सकते हैं अपितु सद्गृहस्थ भी छोटे छोटे संकल्पों का पालन करके उत्तम संयम धर्म की साधना कर सकते है। श्रावकों को भी इन्द्रियों के विषयों के प्रति आसक्ति को निरंतर कम करना होगा, उस पर अंकुश लाना होगा यदि अज्ञान व प्रमादवश गलत दिशा में कदम बढ़ गए हैं तो उन्हें वहीं पर रोकना होगा अन्यथा आगे बढ़ते जाने की स्थिति में अथवा अभी विचार न करने की स्थिति उतना ही वापस लौटकर आना होगा, हमारा संसार उतना ही अधिक बढ़ जायेगा। मिथ्या आचरण पर ब्रेक लगाने का नाम ही संयम है।
SR No.034459
Book TitleAnuvrat Sadachar Aur Shakahar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLokesh Jain
PublisherPrachya Vidya evam Jain Sanskriti Samrakshan Samsthan
Publication Year2019
Total Pages134
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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