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________________ ACKNOWLEDGMENT All that is contained in this book has been excerpted, adapted, or translated into English from a number of authentic Jaina texts. Due care has been taken to conserve the essence of the Holy Scripture composed by the ancient preceptors (pārvācārya). Contribution of the following publications in preparation of the present volume is gratefully acknowledged: 1. सिद्धान्ताचार्य पं. फूलचन्द्र शास्त्री (2010), आचार्य पूज्यपाद विरचित सर्वार्थसिद्धि, भारतीय ज्ञानपीठ, 18 इन्स्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नई दिल्ली-110003, सोलहवाँ संस्करण. 2. प्रो. महेन्द्रकुमार जैन (1982), भट्टाकलंकदेवविरचितम् तत्त्वार्थवार्तिकम् (राजवार्तिकम् ), भारतीय ज्ञानपीठ, बी/45-47, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली-110001. 3. प्रो. महेन्द्रकुमार जैन (1949), श्री श्रुतसागरसूरिविरचिता तत्त्वार्थवृत्तिः, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस सिटी. 4. टीका-सम्पादन - प्रज्ञाश्रमण मुनि अमितसागर (2018), आचार्य उमास्वामी विरचित तत्त्वार्थसूत्र, श्रीधर्मश्रुत शोध संस्थान, कोटला रोड, फिरोजाबाद, चतुर्थ संस्करण. 5. टीका-सम्पादन – मुनि अमितसागर (2012), श्रीमद् अमृतचन्द्रसूरि विरचित तत्त्वार्थसार, भारतीय ज्ञानपीठ, 18 इन्स्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नई दिल्ली-110003, तीसरा संस्करण. 6. सिद्धान्ताचार्य पं. फूलचन्द्र शास्त्री (1991), गृद्धपिच्छ आचार्य प्रणीत तत्त्वार्थसूत्र, श्री गणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्थान, नरिया, वाराणसी, द्वितीय संस्करण. 7. व्याख्याकार - प्रो. वीरसागर जैन (2017), तत्त्वार्थसूत्र प्रदीपिका, भारतीय ज्ञानपीठ, 18 इन्स्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नई दिल्ली-110003. 8. हिन्दी अनुवाद - पं. परमेष्ठीदास (1971), मोक्षशास्त्र अर्थात् तत्त्वार्थसूत्र, श्री दिगम्बर जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट, सोनगढ़ (सौराष्ट्र), चतुर्थ संस्करण. 9. टीका - आर्यिका श्री विशुद्धमति माताजी, सम्पादन - ब्र. पं. रतनचन्द जैन 'मुख्तार' व डॉ. चेतनप्रकाश पाटनी (1974), श्रीमन्नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ति विरचित त्रिलोकसार, श्री शान्तिवीर दिगम्बर जैन संस्थान, श्रीमहावीरजी (राजस्थान). 10. टीका - आर्यिका श्री विशुद्धमति माताजी, सम्पादन - डॉ. चेतनप्रकाश पाटनी (2008), श्रीयतिवृषभाचार्य विरचित तिलोयपण्णत्ती, श्री 1008 चन्द्रप्रभ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, देहरा-तिजारा (राजस्थान), तृतीय संस्करण. (xxvii)
SR No.034448
Book TitleTattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay K Jain
PublisherVikalp Printers
Publication Year2018
Total Pages500
LanguageHindi, Sanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Book_English
File Size5 MB
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