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________________ वयसा कायसा, तस्स भंते! पडिक्कमामि, निंदामि, गरिहामि, अप्पाणं वोसिरामि। फिर बायाँ घुटना (गोडा) खड़ा करके व दायाँ घुटना उल्टाकर नीचे दबाकर, बायें घुटने पर दोनों हाथ जोड़कर घुटने पर जोड़े हुए दोनों हाथ व उसके ऊपर मस्तक झुकाकर दो बार नमोत्थु णं देवें। 8. शक्रस्तव (नमोत्थुणं) सूत्र नमोत्थु णं अरिहंताणं भगवंताणं आइगराणं, तित्थयराणं, सयं-संबुद्धाणं, पुरिसुत्तमाणं, पुरिससीहाणं, पुरिसवर-पुंडरीयाणं, पुरिसवरगंधहत्थीणं, लोगुत्तमाणं, लोगनाहाणं, लोगहियाणं, लोगपईवाणं, लोगपज्जोअगराणं, अभयदयाणं, चक्खुदयाणं, मग्गदयाणं, सरणदयाणं, जीवदयाणं, बोहिदयाणं, धम्मदयाणं, धम्मदेसयाणं, धम्मनायगाणं, धम्मसारहीणं, धम्मवर-चाउरंतचक्कवट्टीणं, दीवोत्ताणं, सरणगइ-पइट्ठाणं अप्पडिहयवरनाणदसण-धराणं, विअट्ट-छउमाणं, जिणाणं, जावयाणं, तिन्नाणं तारयाणं, बुद्धाणं, बोहयाणं, मुत्ताणं, मोयगाणं, सव्वण्णूणं, सव्वदरिसीणं, सिव-मयल-मरूअ-मणंत-मक्खय-मव्वाबाहमपुणरा-वित्ति, सिद्धिगइ-नामधेयं, ठाणं संपत्ताणं नमो जिणाणं जिअभयाणं। इति ।। सामायिक साधना ग्रहण विधि समाप्त ।। 1. दूसरे नमोत्थु णं में 'ठाणं संपत्ताणं' के स्थान पर 'ठाणं संपाविउकामाणं' बोलें, शेष पूर्ण पाठ पहले की तरह बोलें। {5} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र
SR No.034373
Book TitleShravak Samayik Pratikraman Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshwa Mehta
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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