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________________ फिर तिक्खुत्तो के पाठ से तीन बार वन्दना करें, पहला सामायिक आवश्यक समाप्त हुआ। दूसरा आवश्यक दूसरे आवश्यक की आज्ञा है ऐसा कहकर ‘लोगस्स का पाठ' प्रकट में बोलें । इसके बाद तिक्खुत्तो के पाठ से तीन बार वन्दना करें। पहला सामायिक, दूसरा चउवीसत्थव, दो आवश्यक समाप्त हुए। तीसरा आवश्यक तीसरे आवश्यक की आज्ञा है कहकर दो बार निम्नलिखित पाठ से विधिवत् वन्दना करें। 20. इच्छामिखमासमणो का पाठ इच्छामि खमासमणो! वंदिउं जावणिज्जाए निसीहियाए अणुजाणह मे मिउग्गह, निसीहि, अहो कायं काय-संफासं खमणिज्जो भे! किलामो अप्पकिलंताणं बहुसुभेणं भे! दिवसो वइक्कंतो' जत्ता भेजवणि ज्जंच भे खामेमि खमासमणो, देवसियं वइक्कम आवस्सियाए पडिक्कमामि खमासमणाणं देवसिआए 1-3.देवसिक प्रतिक्रमण में बोलना चाहिए-दिवसो वइक्कतो, देवसियं वइक्कम, देवसियाए आसायणाए, देवसियो अइयारो। रात्रिक प्रतिक्रमण में बोलना चाहिए-राइ वइक्कता, राइयं वइक्कम, राइयाए आसायणाए, राइओ अइयारो। पाक्षिक प्रतिक्रमण में बोलना चाहिए-पक्खो वइक्कतो, पक्खियं वइक्कम, पक्खियाए आसायणाए, पक्खिओ अइयारो। चातुर्मासिक प्रतिक्रमण में बोलना चाहिए-चाउम्मासो वइक्कतो, चाउम्मासियं वइक्कम, चाउम्मासियाए आसायणाए, चाउम्मासिओ अइयारो। {18} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र
SR No.034373
Book TitleShravak Samayik Pratikraman Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshwa Mehta
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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