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________________ उत्तर रक्षा की भावना उत्तम है पर रक्षा के लिए भी सापराधी की झूठी साक्षी नहीं देना चाहिए। कदाचित इससे कभी अन्य निरपराधी की मृत्यु भी हो सकती है। निरपराधी को बचाने के लिए भी झूठी साक्षी देना उचित नहीं है। भविष्य में इससे साक्षी देने वाले का विश्वास उठ जाता है। अत: झूठी साक्षी नहीं देना चाहिए। सहसब्भक्खाणे के अन्य प्रकार बताइए। उत्तर जैसे क्रोधादि कषाय के आवेश में आकर बिना विचारे किसी पर हत्या, झूठ, चोरी आदि आरोप लगाना। सन्देह होने पर कुछ भी प्रमाण मिले बिना, सुनी सुनाई बात पर या शत्रुता निकालने के लिए या अपने पर आये आरोप को टालने के लिए आरोप लगाना आदि भी सहसब्भक्खाणे के प्रकार हैं। प्र. 49. सच्ची बात प्रकट करना अतिचार कैसे? उत्तर स्त्री आदि की सत्य परन्तु गोपनीय बात प्रकट करने से उसके साथ विश्वासघात होता है, वह लज्जित होकर मर सकती है या राष्ट्र पर अन्य राष्ट्र का आक्रमण आदि हो सकता है। अत: विश्वासघात और हिंसा की अपेक्षा सत्य बात प्रकट करना भी अतिचार है। प्र. 50. अदत्तादान किसे कहते हैं ? उत्तर स्वामी की आज्ञा आदि न होते हुए भी उसकी वस्तु लेना अदत्तादान है। प्र. 51. कूट तौल-माप किसे कहते हैं? उत्तर देने के हल्के और लेने के भारी, पृथक् तौल-माप रखना या {114) श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र
SR No.034373
Book TitleShravak Samayik Pratikraman Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshwa Mehta
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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