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________________ प्र. 11. उत्तर प्र. 12. उत्तर प्र. 13. उत्तर प्र. 14. उत्तर प्र. 15. उत्तर प्र. 16. आवश्यक सूत्र का प्रसिद्ध दूसरा नाम क्या है ? प्रतिक्रमण सूत्र । आवश्यक सूत्र को प्रतिक्रमण सूत्र क्यों कहा जाता है ? कारण कि आवश्यक सूत्र के छः आवश्यकों में से प्रतिक्रमण आवश्यक सबसे बड़ा एवं महत्त्वपूर्ण है। इसलिये वह प्रतिक्रमण के नाम से प्रचलित हो गया है। दूसरा कारण वास्तव में प्रथम तीन आवश्यक प्रतिक्रमण की पूर्व क्रिया के रूप में और शेष दो आवश्यक उत्तर क्रिया के रूप में किये जाते हैं। प्रतिक्रमण में प्रकाश व अन्धकार का पाठ कौनसा है ? दर्शन समकित का पाठ प्रकाश का व अठारह पापस्थान का पाठ अन्धकार का है। , प्रतिक्रमण में जावज्जीवाए जावनियमं तथा जाव अहोरत्तं शब्द कहाँ-कहाँ आते हैं ? जावज्जीवाए- पहले से आठवें व्रत में व बड़ी संलेखना के पाठ में। जावनियमं नवमें व्रत में। जाव अहोरतं-दसवें व ग्यारहवें व्रत में । काल की अपेक्षा प्रतिक्रमण कितने प्रकार का व कौनकौनसा है ? - काल की अपेक्षा प्रतिक्रमण पाँच प्रकार का है- (1) दैवसिक प्रतिक्रमण (2) रात्रिक प्रतिक्रमण (3) पाक्षिक प्रतिक्रमण (4) चातुर्मासिक प्रतिक्रमण ( 5 ) सांवत्सरिक प्रतिक्रमण । प्रतिक्रमण के छः आवश्यकों को देव, गुरु व धर्म में विभाजित किस प्रकार कर सकते हैं? {105} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र
SR No.034373
Book TitleShravak Samayik Pratikraman Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshwa Mehta
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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