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________________ के लिए लीटर ( ) अपने हाथ से वापरना, आरम्भ करना। उसकी मर्यादा। तेऊकाय-(अग्नि) प्रतिदिन मेरे और मेरे परिवार के उपयोग में आने वाले आग, इलेक्ट्रिक व सेल से संचालित होने वाले गैस, स्टोव, सिगड़ी, टी.वी., रेडियो, टेपरिकोर्ड, पंखा, फ्रिज, मिक्सी, एयरकूलर, माईक, फोन, दीपक, लालटेन, इस्त्री, हीटर, भट्टी, गैसबत्ती, प्रकाश के ट्यूब, बल्ब आदि बिजली से चलित यंत्र संख्या ( ) के उपरांत नहीं वापरूँगा। वायुकाय-प्रतिदिन छोटे-बड़े पंखे, लिफ्ट, झूला, टेलिफोन कूलर, ए.सी. अपने हाथ से ( ) बार से अधिक चलाने का त्याग। (5) वनस्पतिकाय-1. कंदमूल खाने का सम्पूर्ण त्याग या महिने में ( ) दिन त्याग। 2. सब्जी संख्या ( ) 3. फल संख्या ( ) 4. फूल संख्या ( ) के उपरांत त्याग । स्पर्श करने व खरीदने का आगार। 2. द्रव्य-जितने नाम तथा जितने स्वाद पलटे उतने ही अलग अलग द्रव्य जानना। जैसे-रोटी, पूड़ी, खाखरे, पानी, गुड़ आदि जितनी वस्तु खाने-पीने में आवे उसकी गिनती तथा वजन का परिमाण करें। विगय-विकारक वस्तु जैसे घी, तेल, दूध, दही, शक्कर (गुड़) तथा तली हुई वस्तु में से कम से कम एक का त्याग करना। एक का भी त्याग न हो सके तो सबकी गिनती तथा वजन की मर्यादा (परिणाम) करें। महाविगय-मक्खन, शहद का त्याग करना। तथा मद्य एवं मांस इन दो महाविगयों का श्रावक को सर्वथा त्याग करना चाहिए। 3.
SR No.034372
Book TitleShravak Ke Barah Vrat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangla Choradiya
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year2015
Total Pages70
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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