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________________ पृथ्वीकाय ___45 ___ न्यूजर्सी (अमेरिका) के रटजर्स विश्वविद्यालय के माइक्रो बायोलॉजी विज्ञान विभाग के अध्यक्ष, नोबेल-पुरस्कार विजेता डॉक्टर वाक्समन ने लगभग 900 पृष्ठों की एक पुस्तक 'प्रिंसिपल ऑफ सॉयल माइक्रो-बायोलॉजी' लिखी है। उसमें सिद्ध किया है कि चम्मच भर मिट्टी में लाखों माइक्रो व असंख्य बैक्टीरिया जीव होते हैं। मिट्टी की सोंधी महक इन्हीं जीवों की देन है। उन्होंने दस हजार प्रकार के माइक्रो जीवों पर अनुसंधान कर विस्मयकारी तथ्य प्रकट किये हैं। __ जिस प्रकार प्रत्येक जीव में अपने-अपने विशेष गुण-धर्म होते हैं इसी प्रकार पृथ्वीकायिक जीवों में भी अपनी-अपनी विशेषता पाई जाती है। कोई मिट्टी रोगविनाशक होती है, कोई रोगवर्द्धक। सोवियत संघ में 700 चिकित्सा मिट्टी के भंडार है। जर्मनी के गोयटिगेन विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक रूप से यह निश्चय हो चुका है कि मिट्टी से कैंसर रोग का निराकरण संभव है। ____ यह सर्वविदित है कि वातावरण या संग का प्रभाव मानव-जीवन पर पड़ता है। दुष्टप्रकृति व्यक्तियों का संग दुःख का, सदाशय-प्रकृति वाले व्यक्तियों का संग सुख का, कलहप्रिय व्यक्तियों का संग कलह का कारण बनता है। इसी प्रकार पृथ्वी भी जिस प्रकृति की होती है उसके संग का प्रभाव भी वैसा ही पड़ता है। पृथ्वी के कुल या समुदाय भी क्रोध, अहंकार, युद्ध, शांति, स्नेह, दया, क्रूरता, रुक्षता, स्निग्धता आदि स्वभाव के होते हैं। उनके स्वभाव का प्रभाव मानव व मानव समुदाय पर स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। ___ वैज्ञानिक जूलियस हक्सले पृथ्वी की प्रकृति के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहते हैं कि-"जरा भूमि का चमत्कार देखिये। अफ्रीका के
SR No.034365
Book TitleVigyan ke Aalok Me Jeev Ajeev Tattva Evam Dravya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Lodha
PublisherAnand Shah
Publication Year2016
Total Pages315
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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