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________________ 255 पुद्गल की विशिष्ट पर्यायें व विस्तार की विशिष्टता का छाया-चित्रांकन भी किया जा सकता है। इस ध्वनि-चित्र की विशिष्टताएँ लिपिबद्ध करके रेकॉर्ड में रखी जा सकती हैं। ___कपड़े धोने में उपयोग-जिन कपड़ों को धोना होता है पहले उन्हें जल में डाल दिया जाता है फिर उस जल में श्रवणोत्तर ध्वनि प्रवेश कराई जाती है जिससे उसमें बुदबुदे पैदा होते हैं जो मैल को उखाड़ देते हैं और जल में रासायनिक परिवर्तन द्वारा हाईड्रोजन पर ऑक्साइड (एक दूसरा ही घटक) पैदा हो जाता है जो उसके मैले रंग को साफ कर देता है। इलेक्ट्रॉनिक संगीत-इलेक्ट्रॉनिक संगीत यंत्र ने संगीत के क्षेत्र में चमत्कारी उपलब्धियाँ प्रस्तुत की है। इसमें एक छानक यंत्र होता है जो ध्वनि की अनावश्यक तीव्रता, उतार-चढ़ाव आदि को छान कर अलग कर देता है। इलेक्ट्रॉनिक संगीत यंत्र में संश्लेषक (सिंथेसाइजर) का भी प्रयोग होता है। इसके द्वारा प्राकृतिक ध्वनियों को कृत्रिम रूप में तैयार किया जाता है। संगीत जिस लय को अपने स्वर में व्यक्त करने में असमर्थ होता है उसे इलेक्ट्रॉनिक यंत्र सुगमता से प्रस्तुत कर देता है। मनुष्य द्वारा मस्तिष्क में किसी प्रकार की लय की कम्पना आते ही वह लय इलेक्ट्रॉनिक यंत्र में लगे रिकॉर्डर में अंकित हो जाती है। जिन स्वरों की संगीतज्ञ को आवश्यकता होती है उन्हें यह यंत्र ग्रहण कर लेता है तथा जिसकी आवश्यकता नहीं होती, उन्हें छोड़ देता है। इन संगीत यंत्रों से स्वर, ताल, लय तथा तरंग क्षेत्र में आश्चर्यजनक तथा विचित्र बातें सामने आने लगी है। तात्पर्य यह है कि ध्वनि हीरा जैसी कठोरतम वस्तु को और पत्थर जैसी पथरी को भी काटने में समर्थ है। यह काटने की क्रिया बिना पौद्गलिक पदार्थ के कदापि संभव नहीं है। ध्वनि-केमरे से ध्वनि का
SR No.034365
Book TitleVigyan ke Aalok Me Jeev Ajeev Tattva Evam Dravya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Lodha
PublisherAnand Shah
Publication Year2016
Total Pages315
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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