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________________ जीव- अजीव तत्त्व एवं द्रव्य कपट व्यवहार में ‘बीनस फ्लाई ट्रैप' (Venus fly trap) पौधा भी कम निपुण नहीं है। यह कपट कपाटों के सहारे करता है। यह विशेषतया अमेरिका में होता है तथा नमी व दलदल वाले स्थानों पर उगता है। इसका पत्रदल बीच लम्बाई से दो भागों में विभाजित रहता है। ये दोनों भाग कपाट की भाँति अंदर की ओर मुड़कर बंद हो सकते हैं। पत्रदल के प्रत्येक अर्ध भाग की ऊपरी सतह पर तीन लम्बे बाल होते हैं जो बहुत ही सचेतन होते हैं। किसी बाल को जरा-सा छूने पर ही पत्रदल के दोनों अर्ध भाग शीघ्रता से अंदर की ओर कपाट की भाँति बंद हो जाते हैं । पत्ती की ऊपरी सतह से लाल रंग की बहुत-सी छोटी-छोटी ग्रन्थियाँ होती हैं। जब कोई कीड़ा पत्ती के बाल से छू जाता है तो पत्ती बंद हो जाती है और कीड़ा उसमें कैद हो जाता है। फिर पत्ती की सतह पर स्थित ग्रन्थियों से एक प्रकार का पाचक रस निकलता है जो कीड़े के माँस को पचाकर विलयन के रूप में बदल देता है। यह विलयन फिर पत्तों के रोओं द्वारा चूस लिया जाता है। 124 धूर्तता भी माया का एक रूप है। मनुष्यों के समान कुछ पौधे भी अपना स्वार्थ सिद्ध करने में धूर्तता से काम लेते हैं। 'पश्चिमी द्वीप सूमह और अर्जेन्टाइना में विशेष जाति के वृक्ष पाये जाते हैं, जिन्हें वहाँ के निवासी 'क्लोरोफार्म ट्री' कहते हैं। ये वृक्ष बड़े धूर्त होते हैं। पहले तो वे सुरीली लोरियों जैसी ध्वनि निकालते है जिससे शिकार मस्त होकर सो जाता है। फिर ये वृक्ष उस सोये हुए व्यक्ति का खून पिशाच की भाँति चूस लेते हैं। जिस प्रकार कुछ मनुष्य पहले तो भोले-भाले व भले बनकर किसी के यहाँ जम जाते हैं, फिर धीरे-धीरे आश्रयदाता के व्यवसाय को 1. नवनीत, जुलाई 1966, पृष्ठ 53
SR No.034365
Book TitleVigyan ke Aalok Me Jeev Ajeev Tattva Evam Dravya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Lodha
PublisherAnand Shah
Publication Year2016
Total Pages315
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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