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________________ अष्टम वर्ग षष्ठम अध्ययन ] 203} किया, करके, चउत्थं करेइ, करिता = उपवास किया, करके, सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता = सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, छट्टं करेइ, करित्ता = बेला किया, करके, सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता = सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, अट्ठमं करेइ, करित्ता = तेला किया, करके, सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता = सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, एवं खलु एयं खुड्डागसव्वओभद्दस्स तवोकम्मस्स = इस प्रकार इस लघुसर्वतोभद्र तप:कर्म की, पढमं परिवाडि तिहिं मासेहिं दसहिं दिवसेहिं = प्रथम परिपाटी की तीन महीने और दस दिनों में, अहासुत्तं जाव आराहित्ता = सूत्रानुसार आराधना करके, दोच्चाए परिवाडिए = दूसरी परिपाटी में, चउत्थं करेइ, करित्ता = उपवास किया, करके, विगइवज्जं पारेइ, पारित्ता = विगय रहित, पारणा किया। जहा रयणावलीए तहा = जैसे रत्नावली तप में चार परिपाटी कही गई हैं वैसे ही, एत्थ वि चत्तारि परिवाडीओ = यहाँ पर भी चार परिपाटियाँ होती हैं। पारणा तहेव = पारणा उसी प्रकार करना चाहिये । चउण्हं कालो संवच्छरो = चारों का काल एक वर्ष, मासो दस य दिवसा = एक मास और, दस दिन है । सेसं तहेव जाव सिद्धा = अन्त में संलेखना करके महासेन कृष्णा भी सिद्ध बुद्ध मुक्त हो गईं। 16 ।। भावार्थ-इसी प्रकार छठा महासेन कृष्णा का अध्ययन भी समझना चाहिये। ये राजा श्रेणिक की रानी एवं राजा कोणिक की छोटी माता थीं। इन्होंने भी यावत् भगवान के पास दीक्षा ली । विशेष, आर्या चन्दनबाला की आज्ञा प्राप्त कर आर्या महासेन कृष्णा लघु (क्षुद्र-क्षुल्लक) सर्वतोभद्र प्रतिमा का तप अंगीकार करके विचरने लगी । इस तप की विधि इस प्रकार है - इसमें सर्वप्रथम उपवास किया, करके सर्वकामगुण पारणा किया, करके बेला किया करके सर्वकामगुण पारणा किया। तेला करके सर्वकामगुण पारणा किया, चोला करके सर्वकामगुण पारणा किया, पचोला करके सर्वकामगुण पारणा किया, तेला करके सर्वकामगुण पारणा किया, चोला करके सर्वकामगुण पारणा किया, पचोला करके सर्वकामगुण पारणा किया, उपवास करके सर्वकामगुण पारणा किया, बेला करके सर्वकामगुण पारणा किया, पचोला करके सर्वकामगुण पारणा किया, उपवास करके सर्वकामगुण पारणा किया, बेला करके सर्वकामगुण पारणा किया, तेला करके सर्वकामगुण पारणा किया, चोला करके सर्वकामगुण पारणा किया, बेला करके सर्वकामगुण पारणा किया, तेला करके सर्वकामगुण पारणा किया, चोला करके सर्वकामगुण पारणा किया, पचोला करके सर्वकामगुण पारणा किया, उपवास करके सर्वकामगुण पारणा किया, चोला करके सर्वकामगुण पारणा किया, पचोला करके सर्वकामगुण पारणा किया, उपवास करके सर्वकामगुण पारणा किया, बेला करके सर्वकामगुण पारणा किया, तेला करके सर्वकामगुण पारणा किया, इस प्रकार यह लघु (क्षुद्र-क्षुल्लक) सर्वतोभद्र तप-कर्म की प्रथम परिपाटी तीन महीने और दस दिनों में पूर्ण होती है। इसकी
SR No.034358
Book TitleAntgada Dasanga Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimalji Aacharya
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages320
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_antkrutdasha
File Size2 MB
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