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________________ तृतीय वर्ग - आठवाँ अध्ययन ] 73} बड़ा ईंटों का, रासी बहिया रत्थापहाओ = ढेर बाहर गली में से, अंतोघरंसि अणुप्पवेसिए = घर के भीतर पहुँचा दिया गया। भावार्थ-उस रात्रि के व्यतीत होने के पश्चात् दूसरे दिन सूर्योदय की वेला में कृष्ण वासुदेव स्नान कर वस्त्रालंकारों से विभूषित हो हाथी पर आरूढ़ होकर, कोरंट पुष्पों की माला एवं छत्र धारण किये हुए श्वेत एवं उज्ज्वल चामर अपने दायें बायें डुलवाते हुए अनेक बड़े-बड़े योद्धाओं के समूह से घिरे हुए जहाँ भगवान अरिष्टनेमि विराजमान थे, वहाँ के लिए रवाना हुए। तब उस कृष्ण वासुदेव ने द्वारिका नगरी के मध्य भाग से जाते समय एक पुरुष को देखा, जो अति वृद्ध, जरा से जर्जरित यावत् अति क्लान्त अर्थात् कुम्हलाया हुआ एवं थका हुआ था । वह बहुत दु:खी था। उसके घर के बाहर राजमार्ग पर ईंटों का एक विशाल ढेर लाया हुआ पड़ा था, जिसे वह वृद्ध एक-एक ईंट करके अपने घर में स्थानान्तरित कर रहा था। उस दु:खी वृद्ध पुरुष को इस तरह एक दो ईंट लाते देखकर कृष्ण वासुदेव ने उस पुरुष के प्रति करुणार्द्र होकर उस पर अनुकम्पा करते हुए हाथी पर बैठे-बैठे ही उस ढेर में से एक ईंट उठाई और उसे ले जाकर उसके घर के अन्दर रख दिया। तब कृष्ण वासुदेव को इस तरह ईंट उठाते देखकर उनके साथ के अनेक सौ पुरुषों ने भी एक-एक करके ईंटों के उस सम्पूर्ण ढेर को तुरन्त बाहर से उठाकर उसके घर में पहुँचा दिया। इस प्रकार श्री कृष्ण के एक ईंट उठाने मात्र से उस वृद्ध जर्जर दु:खी पुरुष का बार-बार चक्कर काटने का कष्ट दूर हो गया। सूत्र 25 मूल- तए णं से कण्हे वासुदेवे बारवईए नयरीए मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता जेणेव अरहा अरिट्ठणेमी तेणेव उवागए, उवागच्छित्ता जाव वंदित्ता नमंसित्ता गजसुकुमालं अणगारं अपासमाणे अरहं अरिडणेमिं वंदइ, नमसइ, वंदित्ता, नमंसित्ता एवं वयासी कहिं णं भंते ! से मम सहोयरे भाया गयसुकुमाले अणगारे? जण्णं अहं वंदामि नमसामि तए णं अरहा अरिहणेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासीसाहिए णं कण्हा ! गयसुकुमालेणं अणगारेणं अप्पणो अढे। तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिट्ठणेमि एवं वयासी-कहण्णं भंते ! गयसुकुमालेणं अणगारेणं साहिए अप्पणो अढे।
SR No.034358
Book TitleAntgada Dasanga Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimalji Aacharya
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages320
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_antkrutdasha
File Size2 MB
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