SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 56
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अज्ञ सहज - प्रज्ञ सहज गए हैं ? किसी को ज़रा सा भी दुःख दें, तो वह जागृत कैसे कहलाएगा? क्लेश रहित भूमिका बनाना, वह उच्च प्रकार का पुरुषार्थ कहलाता है। ___जागृत व्यक्ति तो ग़ज़ब का होता है ! मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार, अंत:करण के चारों भाग के हर एक कार्य के समय हाज़िर रहे, उसे जागृति कहते हैं! जितना कषाय उग्र, उतना असहज प्रश्नकर्ता : हिन्दुस्तान में क्रोध-मान-माया-लोभ का प्रमाण फॉरेनर्स से ज्यादा दिखाई देता है। दादाश्री : हिन्दुस्तान में सब से ज़्यादा क्रोध रहता है, सब से ज़्यादा लोभ और कपट रहता है, वह फुल्ली डेवेलप कहलाता है। फॉरेन वालों को तो कपट करना ही नहीं आता। फॉरेन वाले साहजिक होते हैं जबकि यहाँ के विकल्पी होते हैं। अपने यहाँ की स्त्रियाँ सहज हैं, फिर भी फॉरेन के पुरुषों से हज़ार गुना जागृत होती हैं। वहाँ के लोगों की सहजता कैसी है? वे तो कैसे हैं? जैसे कि, मरकही (मारने वाली) गाय हो, उसे कुछ भी नहीं करें तो भी वह सींग मारती रहती है। जबकि मरकही गाय नहीं हो, तो उसके सींगों को कितना भी हिलाते रहेंगे, तो भी वह कुछ नहीं करेगी। फॉरेन में जेब काटने वाले, लुटेरे हो, वे उतना ही काम करते रहते हैं और जो भला इंसान है वह भलाई ही करता रहता है, उसे लूटने का विचार ही नहीं आता। जबकि यहाँ पर तो यदि चाचा के बेटे से गाड़ी माँगी हो, तो वह हिसाब करेगा कि आने के 15 माइल, जाने के 15 माइल, पेट्रोल के इतने रुपए, इतने माइल के लिए चाहिए। इसके अलावा सभी पार्टी घिस जाएँगे और उतने टाइम के लिए मेरी गाड़ी का उपयोग कोई दूसरा करेगा। अगर गाड़ी में कुछ बिगड़ जाएगा तो? एक क्षण में तो तरह-तरह के कैल्क्यूलेशन करके कहेगा कि, मेरे सेठ आने वाले हैं, तो मैं गाड़ी नहीं दे पाऊँगा। खुद का नुकसान समझ जाता है और तुरंत ही बात पलट देता है, यही फुल्ली डेवेलप की निशानी है। इनका व्यवहार भले ही
SR No.034326
Book TitleSahajta Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages204
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy