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________________ ज्ञानी प्रकाशमान करते हैं अनोखे प्रयोग दादाश्री : अब लोगों को यह कैसे पता चलेगा? कृपालुदेव ने इतना ही कहा कि शुक्ल अंत:करण, लेकिन शुक्ल अंत:करण किसे कहेंगे, वह किस तरह से समझ में आएगा? मोक्षमार्ग पूरा हार्टिली मार्ग है। हम में एक परसेन्ट भी बुद्धि नहीं है, तभी तो पूरा मोक्षमार्ग खुला हुआ है न? दादा करवाते हैं प्रयोग सहजता के लिए अपने यहाँ ज़ोर से ताली किस लिए बजाते हैं ? सहजता लाने के लिए। जो असहजपना था, उसको खत्म करने के लिए यह सब है। यह सहज प्रयोग है। सहजता आ जाने के बाद किसी प्रकार का भय ही नहीं रहता न! भय नहीं रहता, घबराहट नहीं होती। ऐसा कर सकते हैं और ऐसा नहीं कर सकते, जिनके मन में ऐसे विकल्प होते हैं, उन्हें भय लगता है। आपको तो किसी प्रकार का भय ही नहीं रहा न। सारे भूत निकल जाने चाहिए। यदि कोई रास्ते में कपड़े उतरवा ले तो फिर आपको संकोच रहा करेगा न या नहीं? प्रश्नकर्ता : अब नहीं रहेगा। दादाश्री : अब किसी प्रकार का संकोच नहीं रहेगा। इसलिए यह सहजता करवाते हैं कि किसी भी स्थिति में संकोच उत्पन्न ही न हो। ____ बड़ौदा में घड़ियाली पोल में उपाश्रय है, ज्ञान होने से पहले मैं वहाँ गया था, उस उपाश्रय में दर्शन करने के लिए, वहाँ कोई महाराज आए होंगे। उस समय मैं सफेद कोट पहनता था और जूते अभी के जैसे नहीं पहनता था, थोड़े चमकीले पहनता था। उन दिनों थोड़ा रौब था न! वहाँ पर डेढ़ घंटे तक बैठने के बाद बाहर निकला तो वे जो चमकीले जूते थे, उन्हें कोई ले गया। जो अच्छे जूते हों उन्हें ही कोई ले जाएगा न? उन्हें ले गया उसका खेद तो नहीं हुआ लेकिन अब बाज़ार में कैसे जाऊँगा? लंबा कोट और पैर में जूते नहीं तो भीतर संकोच हुआ। फिर वहाँ घड़ियाली पोल में से निकलते ही तुरंत रिक्शा कर लिया और घर
SR No.034326
Book TitleSahajta Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages204
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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