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________________ कुत्ते को रोते देखकर हुआ भ्रम... 399 भगवान आपकी कल्पना जैसे हैं ही... 415 सुने हुए व श्रद्धा वाले ज्ञान से... 400 बैठाने के बाद उठा दें तो वह मोक्ष... 416 चाचा को तो ले जाएँगे लेकिन मुझे.. 401 रिलेटिव में उपकारी चलेगा लेकिन... 417 भय के ज्ञान के सामने दूसरा ज्ञान... 401 ढूँढ निकाला कि मेरा और आपका... 417 सुबह चाचा सही सलामत थे... 402 नहीं पुसाएँगे वे भगवान जो डाँटे 418 शुरू की जाँच, यमराज की बात सही..402 भगवान ऊपरी और मोक्ष, ये दोनों... 418 दुनिया की नहीं सुने, ऐसा पागल... 403 मोक्ष अर्थात् नो अन्डरहैन्ड, नो बॉस419 सामना करूँगा लेकिन लोगों को... 403 मुझे अपने अंदर वाले भगवान के... 420 तब चली ज़बरदस्त विचार श्रृंखला 404 विद्रोही और नि:स्पृही स्वभाव की... 420 किया जाहिर, 'यमराज नाम का कोई..405 अंत में ढूँढ निकाला वास्तविक... 421 यमराज के गलत भय से मार... 406 भगवान हमारा खुद का ही स्वरूप है..422 नि-यमराज, बन गया यमराज 406 ऊपरी ही उपाधि है नियमराज से नहीं लगेगा भय 407 भगवान की भक्ति करके उनके जैसा..423 देत पाप करने से रोकने का 100 नाम याद करते ही दुःख दूर होते हैं...424 पाप कम नहीं हुए और यमराज रह... 409 अंदर वाले भगवान से ही कहता था...425 पूरी दुनिया के भूत निकालने आया हूँ410 जिसे अन्डरहैन्ड पसंद नहीं है... 425 एक-एक शब्द अपूर्व, इसीलिए... 411 गलत करने से रोकने के लिए भगवान..426 भगवान नहीं लेकिन मेरी भूलें ही... 426 [10.8] भगवान के बारे में मौलिक समझ आत्मयोग के अलावा सब योग... 427 जो चिंता नहीं घटाए, वह लाइट... 428 सच्चे दिल वाला था इसलिए भगवान..412 साधु संतों की सेवा करना बहुत... 412 [10.9 ] सही गुरु की पहचान थी 'भगवान मोक्ष ले जाएँगे' सुनकर... 414 शुरू से ही जहाँ भगवान ऊपरी हों, ऐसा मोक्ष... 414 कोई धर्म नहीं लेकिन वीतराग मार्ग... 430 423 63
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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