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________________ [10.7] यमराज के भय के सामने शोध 397 जानते हैं। यमराज को हर कोई पहचानता है, उसका परिचय ही नहीं देना पड़ता। अपने हिन्दुस्तान के कौन से कोने में यह ज्ञान नहीं फैला हुआ होगा? प्रश्नकर्ता : सभी जगह है। दादाश्री : हर एक कोने में, नेपाल, भूटान वगैरह, सभी जगह पर है, एवरीव्हेर। कौन सा अज्ञान फैला हुआ है ? यमराज जीव (प्राण) लेने आते हैं। यमराज का काम क्या है? वह क्या करने आते हैं ? प्रश्नकर्ता : हमें ऊपर पहुँचाने के लिए। दादाश्री : और लोग यहाँ तक सिखा देते हैं कि जब इंसान मर जाता है तो यमराज यहाँ से उसके प्राण ले जाते हैं और हमने जो कुछ भी पाप कर्म या गलत कर्म किए होते हैं, तो वे रास्ते में मारते हैं। मारते-मारते और बहुत दुःख देते-देते ले जाते हैं, भगवान के पास। लोग यमराज के बारे में ऐसा ज्ञान पेश करते थे। यानी कि यह तो मरने से पहले ही भय घुस जाता था। अरे मुए, लेकिन शरीर ही नहीं रहा तो वह मारेगा किसे? कुत्ता रोए इसका मतलब यमराज आए, तो उससे घबरा जाते थे बच्चे फिर लोगों ने क्या कहा कि 'यमराज के आने का पता कैसे चलता है? उसका नियम कैसे पता चलता है ? तब लोगों ने बताया कि 'अगर आपके मामा बीमार हैं और कुत्ता रोए, तब तो यमराज आ ही गए समझो!' तो बोलो घबरा ही जाएँगे न! अरे भाई, कुत्ते रो रहे हैं, उसमें यमराज क्यों आएँगे? अब बच्चे तो बेचारे सही ही मान लेते हैं न, माँ-बाप कहते हैं तो। खुद के माँ-बाप विश्वासपात्र कहलाते हैं। माँ-बाप व गुरु जैसा कहें वैसा ही। तो इस तरह बच्चे सच मान लेते थे और इसलिए उन्हें रात को डर लगता था। फिर अगर कुत्ता रोता था तो उनके मन में ऐसा ही होता था कि 'यमराज आए हैं, वे मुझे भी ले जाएँगे!' इसलिए बचपन से ही सभी बच्चे डरते थे। छोटे बच्चे को यमराज
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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