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________________ [9] कुटुंब-चचेरे भाई-भतीजे 341 प्रश्नकर्ता : चोरी करना भी आया न ! दादाश्री : हाँ... इसलिए शांति रख न, भाई। यह समझदार हो जाएगा, फर्स्ट क्लास सयाना हो जाएगा। उसकी जेब नहीं कटेगी। दूसरों की जेब कटेगी लेकिन उसकी जेब नहीं कटी होगी। वह क्या किसी को जेब काटने देगा? जबकि तेरी जेब तो सब से पहले कट जाएगी। हमारे जो भाई है, उन्होंने बी.एस.सी.., बी.फार्म. किया है। एक बार टिकट गिर गई होगी या जो कुछ भी हुआ हो, सांता क्रूज़ के स्टेशन पर टिकट वाले ने उन्हें खड़ा रखा। तब उनका छोटा भाई आया। आकर उन्होंने कहा, 'आप जाओ, जाओ आप'। 'एय, क्या है?' इस तरह रास्ता निकाल देंगे वह तो। पढ़े लिखे हैं न! लेकिन ऐसे सब स्कूलों में पढ़े पढ़ेगा नहीं तो व्यवहारिक सूझ तो खिलेगी, इसलिए डोन्ट डिसमिस एनीबडी यों स्कूल में पढ़े हुए थे वे लोग। ये बी.ई., इंजीनियर बने हैं और वे बी.एस.सी., बी.फार्म हुए लेकिन ऐसे स्कूल में कोई नहीं पढ़ा। यह भाई तो ऐसे सब स्कूलों में पढ़े हैं! बिज़नेस में से निकाल दिया था। उस भाई ने पंद्रह साल में हमारे साथ बिज़नेस में लाख से सवा लाख रुपए अपने आप पर ही खर्च कर दिए थे! किसमें? घर खर्च में नहीं, बिज़नेस में खुद के पॉकेट इक्स्पेन्स! (जेब खची) प्रश्नकर्ता : पॉकेट इक्स्पेन्स! दादाश्री : हाँ। तो उनके फादर ने कहा, 'यह लड़का कैसे पुसाएगा?' तब मैंने कहा, 'तो इसे समुद्र में डाल दो और यदि वह ठीक लगता है तो उसे रहने दो'। तब उन्होंने कहा, 'समुद्र में कैसे डाल सकते हैं ?' तब मैंने कहा, 'तो फिर क्या करें? मुझे इसका उपाय बताइए?' तब उन्होंने कहा, 'इसका कोई उपाय नहीं है लेकिन क्या इसका कुछ सुधरेगा नहीं?' मैंने कहा, 'समय आने पर वह सुधर जाएगा, यों ही नहीं सुधरेगा। वह सभी स्कूलों की पढ़ाई कर लेगा। फिर वह बेवकूफ नहीं
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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