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________________ [5.2] पूर्व जन्म के संस्कार हुए जागृत, माता के 145 तो कोई नहीं जगाता तो उन्हें ऐसा कुछ चाहिए न? अगर किसी के घर पर गेस्ट आएँ तो वे जगाते हैं। गेस्ट देखे हैं आपने? एक-दो खटमल घुस जाएँ तो वे जगाते हैं। मैं समझता हूँ कि 'अच्छा हुआ, कल्याण किया। यह अच्छा है कि ये उठा देते हैं'। वे गेस्ट कहलाते हैं। वे साथ में कुछ ले नहीं जाते। भर पेट खाकर जाते हैं। क्या कभी देखे नहीं आपने? कभी हमारी भी बारी आती थी लेकिन अब मुझे नहीं छूते। __ ये नीरू बहन कहती हैं, 'अंदर खटमल दिखाई दे रहे हैं। मैंने कहा, "आपको ठीक लगे वह करना, बीन लेना'। तब कहने लगीं, 'एक दिन सब निकाल दें तो?' मैंने कहा, 'नहीं ऐसा मत करना, भले ही खाएँ बेचारे, हैं तो खा रहे हैं। मरने के बाद नहीं खाएँगे। प्रश्नकर्ता : नहीं खाएंगे! दादाश्री : वे समझ जाते हैं कि होटल चली गई। यह हमारा क्षत्रिय गुण है! यह गुण हमारे लिए बहुत हेल्प फुल है। यह अहंकार सख्त है, ढीला नहीं पड़ता। ऐसे प्रयोग तो हमने भी किए हैं कि जागृत अवस्था में काटने दिया इसीलिए तो ज्ञान प्रकट हुआ! यह तो इतना अद्भुत ज्ञान है कि ज़रा सा भी असर न हो। चुका दो हिसाब, फिर नहीं काटेंगे खटमल प्रश्नकर्ता : दादा, हमारा धीरज तो कम पड़ जाता है कि कब इन खटमलों के काटने का अंत आएगा? दादाश्री : वह तो गलत भ्रम है। इससे भी उनके साथ का हिसाब पूरा होता है, खटमलों का भी हिसाब पूरा होता है। यदि आप हिसाब चुकाने दोगे न, तो हिसाब खत्म होने के बाद खटमल आपको छुएँगे भी नहीं। आपको खटमल वाले बिस्तर पर सुला देंगे फिर भी आपको नहीं छुएँगे। इस जगत् का न्याय ही ऐसा है। नहीं है क्या न्याय? यह जगत् बिल्कुल न्याय स्वरूप है। फिर वे आपको छुएँगे भी नहीं, मच्छर-वच्छर आपको कुछ भी नहीं छुएँगे। जहाँ मच्छरदानी बाँधते हैं न, वहाँ घूमते रहते हैं। हिसाब चुक जाने के बाद आप अगर ओपन में सो जाओगे
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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