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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जम्भु चारत्र । जह । नाज खतका पक्का जवें, पनाया माला खेत मे तवें ॥ एए ॥ उपर बैठ बजावे संख, मरे जानवर उड़े जु पंख । इकदिन गाय भैंस ले चोर, ते तव आया खेतकि थोर ॥ ३० ॥ संख वजावो पामर तवें, जान्यो चोर देवता जवें। कोप करी मुऊ उपर देव, नाग गया तस्कर ततखेद ॥१ पांवरं लिया चौरका मास, गाय नेंस कपड़ा संजाल अवर जगेम बेचा जाथ, जैसा किया लोन अधि. काय ॥२॥अधिक लोज पांवरका रही, श्राज हुँनर में पाया सही । इकदिन चोरी करके चोर बाया फेर खेतके डर ॥३॥ पांवर संख बजाया फेर, तस्कर जाना शायकी वेर । ए रखवाला खेत का सही, पायाजेद देवता नही ॥ ४॥ तव पांवर को पकड़ा जाय, मार दिया सब लिया बिनाय । सबीलोक पूने कर दया, रे पांवर तुझको क्या जया ५॥ तुमतो थैसा करते काम, पांवर सम पढतावो खाम । कनक सेना बात इह कही, आगे श्रोता सुनियो सही ॥ ( दोहा ) तव जम्बू खामी कहे त्रिया सुनो हम बात । मुफे लोग तृस्ना नदी, जैसे बांदर जात ॥ ७॥ कनक सेना जातवें, ते कुन For Private and Personal Use Only
SR No.034240
Book TitleJambu Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChetanvijay
PublisherGulabkumari Library
Publication Year
Total Pages135
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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