SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 13
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बम परिवार करो इकबार । मनोरथ पूरे माहरी, धुपकर रहे कुमार ॥ ६६ ॥ मात पिता जान्यो तवें, करें याद मंमान । पुत्रीको देवें नही, कुमर उदासी जान ॥ ७॥ तद कन्या था मिली, कहें वात तजि लाज । जोव्याहें जम्बू मुळे. तो सन्हेिं सब काज ॥ ६७॥ नहि तो जम्बू सायमे, प्रत धारो निरधार । मात पिता सब सांजली, कन्या बात विचार ॥ ६ए ॥ कन्या या व्याहिया, जम्बू सों कर जोड़ । दाहेज दिया घणा, दर्व निवाएं कोड़ so ॥ था कन्या व्याहके, जम्बू आए गेह । रैन समे निज महलमे, थावें करती नेह ॥ ७१ तब जम्बू तिरया प्रतें, कहें बात समुझाइ । मत पूषो संसारमे, करो ध्यान चितलाई ॥ १२ ॥ संसार असार दे, जैसे संका रङ्ग। दिणको खिर जागा, मतकरोचको सह ॥ ३ ॥ तरुवर खेल मुहावनो, बेठे पंछी थाय । रैन समे बासा करें प्रातलमे उड़ि जाय ॥ १४ ॥ इह सुरत जाने कारिमा, बादल को थावास | पिरतें चार न लागि हैं, कुग नेह विलास ॥ ४५ ॥ ( चौग) तर से राजग्रही के पास, जीम पलिमे घसते पास । For Private and Personal Use Only
SR No.034240
Book TitleJambu Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChetanvijay
PublisherGulabkumari Library
Publication Year
Total Pages135
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy