________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
माजनी सुरम्य निशानी नीदर अने अदभूत एवा महान १४ स्वप्नो!.. केवी सुंदरता हती एमां!.. आज श्रावण बद एकमनी रढोयाळी रात्री बनी...मनोहरणी हरीयाळो. वाडी...
घडी घडी एने याद करता सत्यको राणीनं मन थई मतं गुलावी प्रभात...
१४ महास्वप्नो श्रेयांसराजाने संभळाव्या एना फळमां महाराजाए फरमाप्युं, अने स्वप्नपाटकोनो अभिप्राय एक ज मध्य विदुनो हतो.
स्वप्नफळ सूचवे छे के पृथ्वीना तलमां रत्न निधान तेम गणीना महान उदर मां कोई महान अंश पुष्टि छे. आ महान स्वप्ना दर्शन करमार, तीर्थकरने जन्म आयशे. तीथंकर प्रभुना पुण्यना उत्कृष्ट बंधन द्वारा आ स्वप्न दर्शननो लाभ तेनी म त ने भळे छे.
स्वप्न पाठकना फळने मान्य करी तेनुं अपूर्व बहुमान करी विसर्जन कर्यो...
क्या कया चौद स्वप्न छे तो ते: गजवर फलनो माळ पद्मपरोवर घषभ चंद्र विशाल समुद्र सिंह रवि-ध्वज विमान
लक्ष्मी कलश रत्नराशो-अग्निशीखा संसार असार छे छतां आवा सार रूप महंतना जन्म संसारमा चारे बाजु सुखनी वर्षा वरसाय छे. पदार्थ तमाममा कई अद्भुत ताजगी आवे छे. दिशाओ जाई लो निशा जेवी धेरो नही पण जागत बनो जाय छे. पोताना कुक्षोमां प्रभुनो
For Private and Personal Use Only