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________________ ( ७९ ) (६) गन्ध-सुगन्ध और दुर्गन्ध, (७) रस- तिक्त, कटुक, कषायत, खटा और मधुर (मीठो ) मूल रस पांच हैं, और नमकको सामिल करनेसे पटूरस कहे जाते हैं. (८) स्पर्श - कर्कश, मृदुल, गुरु, लघु, शीत, उष्ण, स्निग्ध और रुक्ष. (९) अगुरुलघु-न हलका और न भारी. जैसे परमाणवादि प्रदेश, मन, भाषा और कार्मण शरीरादिके पुद्गल. (१०) शब्द - दो भेद, सुस्वर, दुस्वर. सेवं भंते सेवं भंते तमेव सच्चम् । थोकडा नं० १५० श्रीपन्नवणासूत्र पद १५. ( इन्द्रिय पद ) इन्द्रिय पदका पहिला उद्देशा शिघ्रबोध भाग ९ में छप चुका है. इस संसारार्णवमें परिभ्रमण करते हुवें एकेक जीवने भूतकालमें कितनी २ इन्द्रियां की ९ वर्तमान में कौनसा जीव कितनी इन्द्रिया बांधके बैठा है ? भविष्य में कौनसा जीव कितनी इन्द्रिय बांधेगा ? यह सब इस थोकड़े द्वारा कहेंगे ।
SR No.034233
Book TitleShighra Bodh Part 11 To 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1933
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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