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________________ और दुसरेका बहूमान होता है इन्होंसे जीव कोसे लघुभूत होता है। (११) प्रश्न-प्रतिक्रमण ( चोथावश्यक ) करनेसे जीवोंकों क्या फल होता है ? (उ) प्रतिक्रमण करनेसे जो जीवोंके व्रतरूपी नाबाके पतिः चार रूप हूवा छेद्र उन्हींका निरूद्ध होता है एसा करनासे जीवोंकों आश्रव और सवले दोषोंसे निवृतिपना होता है इन्होंसे मष्टप्रवचन कि माता रूपी संयम तपके अन्दर समाधिवान्त पणे विचारे। (१२) प्रश्न-कायोत्सर्ग (पांचमावश्यक) करनेसे क्या फल होता है ? (उ) कायोत्सर्ग करनेसे जीव मूत वर्तमान काल के प्रायश्चितको विशुद्ध करता है जैसे मारके बहान करनेवालेका भार उतर जानेसे सुखी होता है वेसे ही प्रायश्चित उतर जानेपर जीव मी सुखी हो जाते है। (१३) प्रश्न-पच्चक्खान (छटावश्यक) करनेसे क्या फल होता है। (उ) पञ्चक्खान करनेसे जीवोंकि इच्छाका निरूद्ध होता है ऐसा होनेसे सर्व द्रव्यसे ममत्वभाव मीट जाता है ममत्व न रहनेसे जीव शीतलीभूत होके संयमके अन्दर समाधिपने विचरता है। (१४) प्रश्न - "थाइथुइ मंगलं" चैत्यवन्दन करनेसे क्या फक होता है ? . () चैत्यवन्द्रन करनेसे जीवोंको बोधबीज रूपिचार दर्शन चरित्र कि प्राप्ती होती है इन्होंसे अन्तः क्रिया करके मोक्ष ..
SR No.034233
Book TitleShighra Bodh Part 11 To 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1933
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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