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________________ ६२ समुद्र अर्थात् अढाइद्विप दोय समुद्रको समय क्षेत्र भी कहाजाते. है कारन सिद्ध होता है सो इन्ही समय क्षेत्रसे ही होता है इन्ही अढाइद्विप के क्षेत्रका परिमाण: १ जम्बुद्विप पूर्व पश्चिम मीलके १ लक्ष जो० ४ लक्ष जो० ८ लक्ष जो० १६ लक्ष जो० १६ लक्ष जो० २ लवण समुद्र ” 19 ३ घातकिखंड 15 " ४ कालोदद्धिसमु॰,”,” ५ पुष्कर्द्धद्विप - - गजदन्ता विजया मोटीनदी १ ६ १६ ४ ३२ ६० " "" " 15 एवं मनुष्यलोक - समयक्षेत्र - अढाइद्विप ४५ लक्ष जोजनका है जिन्होकि परद्धि १४२३०२४६ जोजन साधिक है अाद्विपमें जो मौख्य पदार्थ है सो यंत्रद्वार बतलादिया जाता है। 1) पदार्थ. | (१) जम्बुद्विपमे. ! (१) घातकिखंड. | ० || पुष्कर्द्ध. मेरूपर्वत वर्षघर पर्वत वस्कार पर्वत 17 १२ ३२ ८ ६४ १८० २ १२ ३२ པ ६४ १८०
SR No.034233
Book TitleShighra Bodh Part 11 To 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1933
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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