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________________ or १३।। अंगुल एक यव एक युक एक लिख छ बालाग्र पांच व्यवहारीय परमाणु इतना विस्तारवाली परद्धि है। एक जगति (कोट) एक पद्मवर वदिका एक वनखंड च्यार दरवाजा कर अति शोभनिक है । इन्ही जम्बुद्विपका दक्षिण उत्तर भरतक्षेत्र परिमहा बंड किया जाय तो १६० खंड होता है यंत्र । तंत्र नाम. खंड. जोजन परिमाण. भरतक्षेत्र ५२६ +-६ चुतहेमबन्न पर्वत १०५२+१२ हेमनायवेत्र २१०५+५ महाहेगवलपर्वत ४२१०+१० हरिवासवेत्र ८४२:+१ निपेडपात १६-४२+२ महाविदह नत्र ३३६८४-४ निलवन्तान १६८४२-२ रम्यकवास क्षेत्र ८४२१+१ रूपीपर्वत ४२१०+१० एरणवयक्षेत्र २१०५+५ सीखरीपर्वत १०५२+१२ एरभरतक्षेत्र १ । ५२६+६ ६०+१००००० जोजन visio. जोजनका १६ चा भागको कला केहेते है. . .
SR No.034233
Book TitleShighra Bodh Part 11 To 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1933
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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