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________________ : नामानीक द्वार एवं इन्द्रोंक च्यार न्यार हजार दव सामानीक है. या मान-पत्र इन्द्राक गोल मोल हजार देव आमग्नक है. परिषदा द्वार काय भुवनपनियांक माफीक. परिषदा. देव परिपदा. दवी परि। अभिनर || पल्या माधिक मयम यान प० न्यून - - माधिक न्यून - --- --- - - - - - --- - ३ दली--प्रत्यक इन्द्रक बार बार दवा है एक दवन बार मार दीका परिवार है एक दवा हजार हजार कप चक्रय कर शती है यानिका बार राजतरंगादि मान गान अनिका र प्रन्धक निकाके :'. देवता है मय इन्द्रांक समझना. बैंकरदार --इन्द्र यामानीक और देवी एक
SR No.034233
Book TitleShighra Bodh Part 11 To 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1933
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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