SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 176
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (६२) (३) रुप . .. " (४) शब्द " " " (१) मन " (६) अपरिचारणवालाका सुख , , . परिचारणवाला देवोंकी अल्प. (१) स्तोक अपरिचारणवाला देव (२) मन परिचारणवाला देव संख्यातगुणा (३) शब्द , असंख्यातगुणा (१) रुप " , " (९) स्पर्श " " " (1) काय , , " - सेवं भते सेवं भंते तमेव सच्चम् । - थोकडा नं० १६ श्री पन्नवणा सूत्र पद ३५ ( वेदना पद ) शीत । द्रव्य २ शरीर ३ साता ४ दुःख ५ अभृगमीया ६ निंदा ७ . (१) वेदना तीन प्रकारकी है-शीत वेदना, उप्ण वेदना, और शीतोष्ण वेदना । समुच्चय जीव तीनो प्रकारकी वेदना वेदते हैं। पहिली, दूजी, तीनी नारकीमें उष्ण वेदना है कारण इन तीनों नरकके नेरीया शीत योनीके है । चौथी नारकीमें उष्ण वेदनावाले नेरीया बहुत है और शीत. वेदनावाले नेरीया कम है
SR No.034233
Book TitleShighra Bodh Part 11 To 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1933
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy