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________________ - मार्गणा उत्कृष्ट जघन्य अधोलोक | उर्धलोक । तीरछा लोक सातों नरक १०००० जो० | सातवी नरक तक | पांडग वन तक | संभामणसमुद्र १. भुषन. व्यंतर जोतीपी)। अंगुलके तीजी नरकका | इसी पभारा पृथ्वी | सभरमणसमुद्रकी सुधर्म इशान देवलोक असं० भाग | चरमान्त तक बाहारकि वेदिका तीजासे आठवा देवलोकन पाताल कल शो | बारहा देवलोक | संभरमणसमुद्र [३६] | केदुजे तीजे भाग | तक तक शलीलावती स्व स्व वैमान | मनुष्य क्षेत्र नवामासे बारहवा देव लोक तक नौग्रीवैग नव जोरवान भनुतर पैमान विजयातक तक विद्याधरों अधोलोक स्व स्व वैमान । मनुष्य क्षेत्र . कि श्रेणी प्राम तक सेवं भंते सेवं भंते तमेव सच्चम् ..
SR No.034233
Book TitleShighra Bodh Part 11 To 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1933
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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