SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 85
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १७२/ तीर्य० कृष्ण तीन शरीरी बादर० ० ३२२८८ ५२ ३७३/ तीर्य० बादर एक संस्थांनीमें ० २८२७३/ ७२ २०४० सी० बादरकृष्ण एकान्त.... . भवधारणी देह | ३ ३२२८८ ५१ ३७ तीर्य पांचेन्द्रिय कृष्णलेशी | | २०३०३ ५२ ३७६ एक संस्थानी मिश्रयोगी पांचेन्द्रिय TER अनेरीयामें | ० १९८७१८४ ३७ तीर्यः चक्षु० कृष्णलेशीमें २२३०३ ५२ ७८ भुजपुरकि गतिके पांचे तीन शरीरी ४१०२०२१६२ तीर्य, घ्राणेन्द्रिय कृष्णलेशीमें | ०२४३०३/ ५२ पुष तीन शरीरी अचर्ममें ५१८७१८८ २८/तीय त्रस कृष्णलेशीमें २६३०३ ५२ २८२ तीर्यः तीन शरीर कृष्णलेशीमें ०४२२८८५२ ३८३ तीर्य एक संस्थानी में ३८४संझी एक संस्थानीमें १४/०१७२/१६८ १८६ नोगभ॑जकि गतिका बादरमें २ ३८/२४३/१०२ ६६ उर्ध्व तीर्य एकान्त भवधारणी देह पांचेन्द्रियश्रचर्म २०२८८ ७८ २८७ उर्ध्व तीर्यके त्रस मिथ्या० एकान्त .. . भवधारणी देहमें | ० २१२८८ ७८ .
SR No.034232
Book TitleShighra Bodh Part 06 To 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherVeer Mandal
Publication Year1925
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy