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________________ ० . ० . ० . ० . ० ० . ० . . ० . ० ० । पालेशी सम्यग्दृष्टिमें अधोलोग तेजोलेश्यामें ६६ | पद्मलेसीमें मिश्रदृष्टि देवतोमें 15 बेजोलेशीमिश्रदृष्टिमें कुवलोक बादरसास्वतोमें लोकके भभाषकमें ७१ अधोलोक अवधिदर्शनमें १२ / तीर्यग्लोकके देवताप्रोमें अधोलोकके बादरमरणेवालोमें मिश्राष्टिनोगर्भजमें मोकके अवधिज्ञानमें ७६ / उर्ध्वलोकके देवताओमें ४७ प्रधो० चक्षुइन्द्रियनोगर्भजमें उर्ध्व नोगर्भज सम्यग्द्रष्टिमें उध्वंलोकके सास्वतोमें धातकिखंडका त्रसमें सम्याद्रष्टि देवतोंके पर्याप्तामें शुक्ललेशी सम्यग्द्रष्टिमें ८३ | अधोलोक मरणेवालोमें ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० 6
SR No.034232
Book TitleShighra Bodh Part 06 To 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherVeer Mandal
Publication Year1925
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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