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________________ द्वारा जनता को अमृतपान करानेका है, तदनुसार स्वल्प समय में २०००० ट्रेक्ट छपवा के जनता की सेवा में भेज दिये गये हैं। (५) जमाना हाल के मुताबिक आपश्री के उपदेश से चैत वह ६ के रोज यहांपर श्री जैन नवयुवक मित्र मण्डल की स्थापना हुई जिसमें अच्छे अच्छे मातबर लोक शरीक है प्रेसिडन्ट सेक्रेटरी मेम्बरादि के ६५ नाम दर्ज है मण्डल का उद्देश समाज सेवा और ज्ञान प्रचार करने का है इस मण्डल के जरिये और बुजर्गो की सहायता से हमारी न्याति जाति में बहुत ही सुधारा हुवा है जैसे प्रोसवाल और इतर जाति एक ही पटे में जीमते थे वह अलग अलग करवा दिये गये-पाणी के वरतनो पर मेम्बर को मुकरर कर दिये गये वह पाणी छान के पीलाया कर जीमणवार में झूठा इतना पडता था कि घरधणी को वडीभारी नुकशान और असंख्य जीवों की हानि होती थी वह कुरीवाज भी निर्मूल हो गया, इतना ही नहीं किन्तु फजूल खरचे पर भी अंकुश रखने से हजागे रूपैया का फायदा दरसाल में होने लग गया जिससे हमारी प्रार्थीक स्थिति में भी बहुत सुधारा हुवा और हो रहा है। . (६) मित्र मण्डल के जरिये धार्मीक ज्ञान का भी प्रचार बहुत हुवा जो कि थोकडे जीवविचार नवतत्त्व दंडक प्रकरणादि बहुत से लोग कण्ठस्थ कर तत्त्वज्ञान में प्रवेश हुवे और होने के उम्मेदवार हो रहे है करीबन ४० मेम्बर थोकडे कगठस्थ करते हैं जिस्मे ५-६ जणे तो अच्छे श्रोता बन गये है और ज्ञानमें रूचि भी अधिक हो रही है।
SR No.034232
Book TitleShighra Bodh Part 06 To 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherVeer Mandal
Publication Year1925
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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