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________________ असंख्याते वर्षका कर्म भूमी मनुष्य १२ अकर्म भूमि १३ अन्तर द्वीप १४. खेचर युगलीया १५ थलचर युगलीया. १६ तथा गती ९ की--पांच सन्नी तीर्यच ५ संख्याता वर्षका कर्मभूमि मनुष्य ६ पृथ्वी० ७ अप्प० ८ वनास्पति ९। ___ ज्योतिषी सौधर्म ईशान देवलोककी आगती ९ की-पांच सन्नी तीर्यच, संख्याते वर्षका कर्मभूमि मनुष्य, असंख्याते वर्षका कर्मभूमि, अकर्मभूमि, और थलचर युगलीया । तथा गती ९ की भुवनपतीवत् । तीजे देवलोकसे आठ देवलोक तककी आगती ६ कीपाँच सन्नी तीर्यच और संख्याते वर्षका कर्मभूमि मनुष्य । तथा गती ६ की--पांच सन्नी तीर्यच और संख्याते वर्षका कर्मभूमि मनुष्य। ___नौमें देवलोकसे बारमें देवलोक तककी आगती ४ कीसंयती, असंयती, संयतासंयती और मिथ्यादृष्टी मनुष्य । तथा गती १ संख्यात वर्षका कर्मभूमि मनुष्यकि. नौग्रेवैक विमान की आगती २ की-साधुलिंग सम्यगदृष्टी और साधुलिंग मिथ्यादृष्टी। तथा गती १ संख्याते वर्षका कर्मभूमि मनुष्य । पांच अनुत्तर विमानकी आगती २ की-अप्रमत्त ऋद्धि पत्ता और अप्रमत अऋद्धि पत्ता। तथा गती 1 सं० वर्षका कर्म भूमि मनुष्य । पृथ्वी, अप्प. वनस्पति की आगती ७४ की-तीर्यच १६ (वनस्पति ६ की जगह ४ समझना ) मनुष्य ३ भुवनपती १० व्यन्तर ८ ज्योतिषी ५ सौधर्म, ईशान देवलोक । तथा गती १९ कि तीर्यच के ४६ मनुष्य के ३ ।
SR No.034232
Book TitleShighra Bodh Part 06 To 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherVeer Mandal
Publication Year1925
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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