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________________ १०३ थोकडा नं० ६१. श्री भगवती सूत्र श० २५-उ० ४. ( पुद्गलों की अल्पबहुत्व. ) पुद्गल - परमाणु संख्यातप्रदेशी, असंख्यातप्रदेशी और अनप्रदेशी स्कंध इनकी द्रव्य, प्रदेश और द्रव्यप्रदेश की अल्पा बहुत्व कहते है ( १ ) सबसे स्तोक अनन्त प्रदेशी स्कंध के द्रव्य है । (२) परमाणु पुद्गल के द्रव्य अनन्त गुणे । ( ३ ) संख्यातप्रदेशी के द्रव्य संख्यात गुणे । ( ४ ) असंख्यातप्रदेशी के द्रव्य असंख्यात गुणे | प्रदेशापेक्षा भी अल्पाबहुत्व इसी माफिक ( द्रव्यवत् ) समझलेना । ( द्रव्य और प्रदेश की अल्पावहुत्व . ) ( १ ) सब से स्तोक अनन्तप्रदेशी स्कंध के द्रव्य । ( २ ) तस्य प्रदेश अनंत गुणे । ( ३ ) परमाणु पुद्गल के द्रव्य प्रदेश अनंत गुणे । ( ४ ) संख्यात प्रदेशी स्कंध के द्रव्य संख्यात गुणे । ( ५ ) तस्य प्रदेश संख्यात गुणे । ( ६ ) असंख्यात प्रदेश स्कंध के द्रव्य असंख्यात गुणे ! (७) तस्य प्रदेश असंख्यात गुणे । क्षेत्रापेक्षा अल्पाबहुत्क (१) सब से स्तोक एक आकाश प्रदेश अवगाहा द्रव्य ।
SR No.034232
Book TitleShighra Bodh Part 06 To 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherVeer Mandal
Publication Year1925
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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