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________________ (३४७ ) ५० बोलोंकि बन्धी. थोकडा नम्बर ५३ (श्री भगवतीजी मत्र शः ६.३) ५० बोल की बांधी-द्वार १५ वेद ४ (पुरुष १ स्त्री २ नपुंषक ३ अवेदी ४) संयति ४ (संयति १ असंयति २ संयता संयति ३ नोसंयति नो संयति नोसंयता संयति ४) दृष्टि, ३ (सम्यक्त्व दृष्टि १ मिथ्या दृष्टि २ मिश्र दृष्टि ३ सन्नी, ३ (संज्ञी १ असंज्ञी २ नोसंज्ञानोअसंज्ञी ३ भव्य. ३ भव्य १ अभव्य २ नोभव्यामव्य ३ ) दर्शन, ४ (चक्षुदर्शन १ अचक्षु दर्शन २ अवधिदर्शन ३ केवलदर्शन ४) पर्याप्ता ३ (पर्याप्ता १ अपर्याप्ता २ नो पर्याप्तापर्याप्ता ३) भाषक, २ (भाषक १ अभाषक २ परत्त ३, (परत १ अपरत्त २ नो परत्तापरत्त ३) ज्ञान, ८ मतिज्ञान श्रुतज्ञान अवधिज्ञान मनःपर्यवज्ञान केवलज्ञान मतिअज्ञान श्रुतिअज्ञान विभंगशाम, योग, ४ (मनयोग वचनयोग काययोग अयोगी) उपयोग २ (साकार अनाकार) आहार २ (आहारी अनाहारी) सूक्षमः सूक्ष्मबादरनो सूक्ष्मनो बादर चरम २(चरम १ अचरम २) एवम् ५० (१४) स्त्रीवेद १ पुरुषवेद २ नपुंसक वेद ३ असंयति ४ संयतासंयति ५ मिथ्यादृष्टि ६ असंज्ञी ७ अभव्य ८ अपर्याप्ता ९ अपरत्त १० मतिअज्ञान ११ श्रुतिअज्ञान १२ विभंगज्ञान १३ और सूक्ष्म १४ इन चौदाबोलों में ज्ञानावर्णियादि सातो कर्मोको नियमा बांधे, आयुष्य कर्म बांधे ने की भजना (स्यात् बांधे स्यात् न बांधे ). (१३ ) संज्ञी १ चक्षुदर्शन २ अचक्षुदर्शन ३ अवधिदर्शन ४ भाषक ५ मतिज्ञान ६ श्रुतिज्ञान ७ अवधिज्ञान ८ मनःपर्यव ज्ञान ९ मनयोग १० वचनयोग ११ काययोग १२ और आहारी १३ इन
SR No.034231
Book TitleShighra Bodh Part 01 To 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherSukhsagar Gyan Pracharak Sabha
Publication Year1924
Total Pages430
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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