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________________ कर्माबाधाकाल. ( ३४५ ) ७ कर्म बांधने वाले सास्वते और ८-६ कर्म बांधने वाले असास्वते मिसका भांगा ९ । ७ कर्म ३ घणा ३ ३ " " ८ कर्म । ० १ ३ ६ कर्म ० ३ " " ३ " एवं भांगा १ १ " ३ सर्व भांगा ज्ञानावर्णीय कर्म का ९-५४-२७ सर्व ९० इसी -माफिक ७ कर्म का ६३० और मोहनीय कर्म का ३-५४-९ सर्व ६६ भांगा हुवे । वेदते हुवे बांधे जिसका कुल भांगा ६९३ भांगा हुबा इति । सेवं भंते सेवं भंते - तमेव सच्चम्. थोकडा नंबर ५२ ( सूत्र श्रीपन्भवणाजी पढ़ २७ ) [ वेद तो वेदे ] मूल कर्म प्रकृति आठ यावत् पद २४ से समझना । समु० एक जीव ज्ञानावर्णीय कर्म वेदतो ७-८ कर्म वेदे एवं मनुष्य शेष २३ दंडक में नियमा ८ कर्म वेदे । समु० घणा जीव ज्ञानावर्णीय कर्म वेदता ७-८ कर्म वेदे जिसमे ८ कर्म वेदने वाले सास्वते और ७ कर्म वेदने वाले असास्वता जिसका भांगा ३.
SR No.034231
Book TitleShighra Bodh Part 01 To 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherSukhsagar Gyan Pracharak Sabha
Publication Year1924
Total Pages430
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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