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________________ ( १३८) शीघ्रबोध भाग २ जो. परतापनिया. पाणाइवाइया. जीव काइया क्रिया करेसो क्या अ.. धिगरणी या भी करे ? यंत्रसे देखे समुच्चय जीव और चौबीस क्रियाकेनाम काइवा अधिगरणी पावसीया परताप परताप पाणाई निका वाइया काइयाक्रिया नियमा नियमा नियमा भजना भजना अधिगरणिया निगमा नियमा । नियमा भजना मजना | पाषसीया नियमा नियमा। नियमा , भजना भजना | परतापनिका नियमा नियमा नियमा नियमा भजना पाणाइवाइया नियमा नियमा नियमा नियमा नियमा दंडकमें पांच पांच क्रिया होनेसे १२५ भांगा हुवा एकेक भांगे यंत्र मुजब नियमा भजना लगानेसे ६२५ भांगा होते है । यहतों समुच्चय सूत्र हुवा इसी माफीक जीस समय काइयाक्रिया करे उन समय अधिगरणीया क्रिया करे इसकाभी यंत्रकी माफीक ६२५. भांगा कहना अधिकता एक समय ? कि है इसी माफिक जीस देशमें काइया क्रिया करे उन देशमें अधिगरणीया क्रिया करे ? यंत्र माफीक ६२५ भांगा कहना एवं प्रदेशकाभी ६२५ भांगा नीस प्रदेशमें काइया क्रिया करे उन प्रदेशमें अधिगरणीया क्रिया करे समुच्चयके ६२५ समयके ६२५ देश (विभाग ) के ६२५ प्रदेशके ६२५ सर्व मीली २५०० भांगा होते है इसी मा. फीक 'अजोजीया' क्रियाकाभी उपरवत् २५०० भांगा करना. विशेषता इतनी है कि समुच्चयमें उपयोग संयुक्त २५०० भांगा और अजोजीया उपयोग शुन्यके २५०० भांगे है एवं ५००० ।
SR No.034231
Book TitleShighra Bodh Part 01 To 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherSukhsagar Gyan Pracharak Sabha
Publication Year1924
Total Pages430
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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