SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 376
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३३४ संगीतरत्नाकरः [षा० (३) ५५२निधगसमरि, समधनिगरि, मसधनिगरि, सधमनिगरि, धसमनिगरि मधसनिमरि, धमसनिगरि, समनिधगरि, मसनिधगरि,०० सनिमधगरि, निसमधगरि, मनिसधगरि, निमसधगरि, सधनिमगरि, धसनिमगरि, सनिधमगरि, निसधमगरि, धनिसमगरि, निधसमगरि, मधनिसगरि, धमनिसगरि, मनिधसगरि, निमधसगरि, धनिमसगरि, निधमसगरि, गमधनिसरि, मगधनिसरि, गधमनिसरि, धगमनिसरि, ० मधगनिसरि, धमगनिसरि, गमनिधसरि, मगनिधसरि, गनिमधसरि, निगमधसरि, मनिगधसरि, निमगधसरि, गधनिमसरि, धगनिमसरि,°° गनिधमसरि, निगधमसरि, धनिगमसरि, निधगमसरि, मधनिगसरि, धमनिगसरि, मनिधगसरि, निमधगसरि, धनिमगसरि, निधमगसरि,००० रिंगमधनिस, गरिमधनिस, रिमगधनिस, मरिगधनिस, गमरिधनिस, मगरिधनिस, ग्गिधमनिस, गरिधमनिस, रिधगमनिस, धरिगमनिस, गधरिमनिस, धगरिमनिस, रिमधगनिस, मरिधगनिस, रिधमगनिस, धरिमगनिस, मधरिगनिस, धमरिगनिस, गमधरिनिस, मगधरिनिस, गधमरिनिस, धगमरिनिस, मधगरिनिस, धमगरिनिस, रिगमनिधस, गरिमनिधस, रिमगनिधस, मरिगनिधस, गमरिनिधस, मगरिनिधस, रिगनिमधस, गरिनिमधस, रिनिगमधस, निरिगमधस, गनिरिमधस, निगरिमधस, रिमनिगधस, मरिनिगधस, रिनिमगधस, निरिमगधस, मनिरिगधस, निमरिगधस, गमनिरिधस, मगनिरिधस, गनिमरिधस, निगमरिधस, मनिगरिधस, निमगरिधस, रिंगधनिमस, गरिधनिमस, रिधगनिमस, धरिगनिमस, गधरिनिमस, धगरिनिमस, रिगनिधमस, गरिनिधमस, रिनिगधमस, निरिगधमस, गनिरिधमस, निगरिधमस, रिधनिगमस, धरिनिगमस, रिनिधगमस, निरिधगमस, धनिरिगमस, निधरिगमस, गधनिरिमस, धगनिरिमस, गनिधरिमस, निगधरिमस, धनिगरिमस, निधगरिमस, रिमधनिगस, मरिधनिगस, रिधमनिगस, धरिमनिगस, मधरिनिगस, धमरिनिगस, रिमनिधगम, मरिनिधगस, रिनिमधगस, निरिमधगस, मनिरिधगस, निमरिधगस, रिधनिमगस, धरिनिमगस, Scanned by Gitarth Ganga Research Institute
SR No.034227
Book TitleSangit Ratnakar Part 01 Kalanidhi Sudhakara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSarangdev, Kalinatha, Simhabhupala
PublisherAdyar Library
Publication Year1943
Total Pages458
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Book_English
File Size220 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy