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________________ (२६६) वसंतराजशाकुने-द्वादशोवर्गः । ये ब्राह्मणक्षत्रियवैश्यशूद्राः काका भवत्यंत्यजपंचमास्ते ॥ वर्णाकृतिभ्यामृषिभाषिताभ्यां सदाभियुक्तैरभिलक्षणीयाः॥ ॥ २ ॥ बृहत्प्रमाणो गुरुदीर्घतुंडो दृढस्वरः कृष्णवपुः स विप्रः ॥ पिंगाक्षनीलास्यविमिश्रवर्णः स्यात्क्षत्रियो रुक्षरवोऽतिशूरः ॥३॥ आपाण्डुनीलः सितनीलचंचुर्नात्यंतरूक्षोरटितैश्च वैश्यः ॥ भस्मच्छविभूरिककारशब्दः शूद्रः कृशांगश्वपलातिरूक्षः॥४॥ ॥ टीका ॥ कीदृगित्यादिकस्तेन ॥ १॥ ये इति ॥ ब्राह्मणक्षत्रियवैश्यशूद्राः अंत्यजपंचमी काका भवंति ते ऋषिभाषिताभ्यां वर्णाकृतिभ्यामभियुक्तैः पंडितैः अभिलक्षणीयाः ॥ २ ॥ बृहदिति ॥ स काकः विप्रः स्यात् कीदृक बृहत्प्रमाणमस्यति तथा सः गुरुदीर्घतुंड इति गुरु मांसोपचितं दीर्घ लम्बायमानं तुंडं वक्रं यस्य स तथा दृढस्वर इति दृढः गम्भीरः स्वरो यस्य स तथा कृष्णवपुरिति कृष्ण वपुः शरीरं यस्य स तथा सवषां काकानां कृष्णत्वेऽपि कृष्णवपुरिति विशषणमत्यन्तकायॆख्यापन परम् एवंविधः क्षत्रियः स्यात् कीदृक् पिंगाक्षनीलास्यविमिश्रवर्ण इति पिंगे अक्षिणी यस्य स तथा नीलमास्यं यस्य स तथा विमिश्री किंचिच्छयामः किंचिच्छेत: वर्णों यस्य स तथा पश्चात्कर्मधारयः पुनः कीदृक् रूक्षरव इति रूक्षः अस्निग्धो रखो यस्य स तथा अतिशूर इति अत्यंतं शूरः क्षत्रियत्वादित्यर्थः॥३॥ आपांडुनील इति ॥ आ ईषत्पांडुनीलः सितनीलचंचुरिति सिता श्वेता नीला चंचुर्यस्य स तथा ॥ भाषा॥ या रीतकरके काकरुत कहें हैं ॥ १ ॥ ये इति ॥ जे ब्राह्मण, क्षत्रिय. वैश्य, शूद्र और पांचमें अन्त्यज ये पांच प्रकारके ऋषिननें वर्ण आकृतिनकरके काक कहैंहैं. सो योग्य पंडितनकर लक्षणा करना योग्य है ॥ २ ॥ बृहदिति ॥ लंबो होय, देहतूं भारी होय और लंबी चोंच आर मुख जाको लंबो होय और गंभीर शब्द जाको होय और अत्यन्त श्यामवर्ण जाको होय वो काक ब्राह्मण जाननो. और जो पीलेनेत्र जाके नील मुख जाको और कछूक श्याम कछुक श्वेतवर्ण जाको और रूखो शब्द जाको होय अत्यन्त शूर होय वो काक क्षत्रिय जाननो ॥ ३ ॥ अपांडनील इति ॥ कळूक श्वेत नीलवर्ण जाको होय और श्वेत और श्याम चोंच जाकी होय नहीं है अत्यन्तरूखो शब्द जाको वो काक वैश्य जाने Aho! Shrutgyanam
SR No.034213
Book TitleVasantraj Shakunam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVasantraj Bhatt, Bhanuchandra Gani
PublisherKhemraj Shrikrishnadas
Publication Year1828
Total Pages606
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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